SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 146

मप्र में अब स्कूलों में बारात ठहरी तो होगी एफआईआर

डबरा। वर्तमान में शादियों का सीजन शुरू हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित होने वाली शादियों में बारात के ठहरने की व्यवस्था स्थानीय लोगों की ओर से सरकारी स्कूलों में करा दी जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बने सरकारी स्कूलों में बारात रुकती है तो संबंधित बारातियों के अलावा स्थानीय सरपंच व सचिवों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की...

More »

नसबंदी कांड में इस्तेमाल सिप्रोसिन, आईबुप्रोफेन थी जहरीली

रायपुर। बिलासपुर के पेंडारी नसबंदी कांड में इस्तेमाल सिप्रोसिन-500 बैच नं. 14101 और आईब्रूफेन- 400 बैच नं. टीटी 450413, दोनों ही दवाएं जहरीली थीं। यह बड़ा खुलासा नसबंदी कांड के लिए राज्य शासन द्वारा गठित अनिता झा न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में हुआ है। इसी रिपोर्ट के आधार पर राज्य शासन ने दोनों दवा निर्माता कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई आदेश जारी किए हैं। सिप्रोसिन- 500, महावर फार्मा प्राइवेट लिमिटेड, खम्हारडीह,...

More »

लोयोला में पढ़ेगा लुगनी का बेटा, पांच डिसमिल जमीन, राशन दुकान मिलेगी

जमशेदपुर : गुड़ाबांदा के जियान की दुष्कर्म पीड़िता नि:शक्त लुगनी को जिला प्रशासन पांच डिसमिल जमीन देगा़ इसकी प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी कर ली जायेगी़ लुगनी को स्वयं सहायता समूह से जोड़ कर आजीविका के लिए जन वितरण प्रणाली की दुकान प्रदान की जायेगी़ डीडीसी विनोद कुमार व घाटशिला के एसडीओ भुवनेश प्रताप सिंह ने बुधवार को इसकी जानकारी दी़ अधिकारियों ने बताया कि गुड़ाबांदा के मुड़ाठाकुरा स्थित लोयोला...

More »

छिपकली से विषाक्त हुआ दूध बच्चों को पिलाया, 48 बीमार

महाराजगंज में फरेंदा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय परासखाड़ में छिपकली गिरने से विषाक्त हुआ दूध बच्चों को पिला दिया गया। जिससे करीब 48 छात्र बीमार हो गए हैं। उनकी हालत बिगड़ती देख प्रधानाध्यापक साथी शिक्षक के साथ स्कूल से भाग गए। गांववालों ने पता चलने पर बच्चों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी में भर्ती कराया गया। लापरवाही के आरोप में प्रधानाध्यापक को निलंबित और रसोइयों को हटा दिया...

More »

छत्‍तीसगढ़ में 25 फीसदी महिलाओं का घर में ही कराया जाता है प्रसव

रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रसव की वेदना झेल रहीं करीब महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल की सुविधा नहीं मिल पा रही है। राज्य में पिछले एक साल में तीन लाख 14 हजार से अधिक प्रसव हुए। इनमें से 80 हजार 591 महिलाओं की डिलिवरी अस्पताल में न होकर घर में हुई। सरकारी भाषा में इसे गैर संस्थागत प्रसव कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में यह स्थिति ऐसे समय पर है, जब...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close