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न बिजली, न डीजल-ईंजन फिर भी ये आदिवासी किसान कर रहे हैं सिंचाई - बाबा मायाराम

-बाबा मायाराम, न बिजली, न मोटर, न डीजल-ईंजन फिर भी हो रही है खेतों की सिंचाई। यह अनूठा काम सरगुजा जिले के आदिवासी किसान कर रहे हैं। वे पहाड़ी नाले का पानी अपने खेतों तक ले आएं हैं, जिससे खेतों की सिंचाई हो रही है। वे पहले बारिश में सिर्फ एक ही फसल ले पाते थे, अब खरीफ की फसल धान के साथ सब्जियों की फसल भी लेते हैं।  छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले...

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आपदा में अवसर : महामारी के दौर में देश में 45 जगह जबरन बेदखली

-डाउन टू अर्थ,  कोरोनाकाल की आपदा को अवसर मानते हुए राज्यों ने 20 हजार से अधिक लोगों को उनके घर से जबरन विस्थापित कर दिया। विस्थापित लोगों का यह आंकड़ा 16 मार्च से 31 जुलाई तक का है। हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क (एचएलआरएन) की रिपोर्ट “फोर्स इविक्शन इन इंडिया इन 2019 : एन अनरिलेटिंग नेशनल क्राइसिस” के अनुसार, देशभर में महामारी के दौरान जबरन बेदखली के कम से कम 45...

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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट को कहा अलविदा, रैना ने भी लिया संन्यास

-आउटलुक,  टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अब इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलते नहीं आएंगे। दरअसल, शनिवार को उन्होंने इससे संन्यास ले लिया है। इसकी घोषणा धोनी ने सोशल मीडिया के जरिए दी। गौरतलब है कि धोनी टेस्ट क्रिकेट को पहले ही अलविदा कह चुके हैं। मुकेश कुमार के गाए गीत 'मैं पल दो पल का शायर हूं...' को धोनी ने शेयर करते हुए ये बाते कही। उन्होंने अपना आखिरी...

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आठ गाँव के आदिवासियों ने 500 एकड़ बंजर जमीन पर तैयार कर दिया जंगल

-गांव कनेक्शन, आठ गांव के आदिवासियों ने दस साल में 500 एकड़ बंजर जमीन पर हरा भरा जंगल तैयार कर दिया है। लोगों ने हर एक पौधे और पेड़ की बच्चों की तरह देखभाल की जिससे ये जंगल तैयार हो पाया। मध्य प्रदेश के बालाघाट ज़िले में कान्हा नेशनल पार्क से लगे आठ गाँव के आदिवासियों ने अपने जज्बे से 500 एकड़ बंजर भूमि पर नया जंगल खड़ा कर दिया है।...

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जलस्रोतों में छिपा है पहाड़ के भू-कटाव का समाधान

-वाटर पोर्टल, पहाड़ हमेशा से संवेदनशील रहे हैं। हर कदम पर संघर्ष और चुनौती यहां के लोगों के जीवन का हिस्सा रहे हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन बढ़ने के साथ-साथ पहाड़ पर चुनौतियों का स्वरूप ही बदलता जा रहा है। बादल फटना, बाढ़, भूस्खलन और भू-कटाव आदि एक तरह से लोगों के जीवन का हिस्सा ही बन गए हैं, जिनसे हर साल उन्हें दो-चार होना पड़ता है। इससे न केवल यहां के...

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