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बदलती जलवायु से खतरे में पड़े एशिया के ऊंचे पहाड़ों की जलविद्युत परियोजनाएं: अध्ययन

डाउन टू अर्थ, 1 जुलाई  अध्ययन में 1960 के दशक से लेकर वर्तमान तक इस क्षेत्र के ग्लेशियरों तथा पर्माफ्रॉस्ट से जुड़े पर्वतीय खतरों से जलविद्युत को होने वाले नुकसान के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। हिमालय और इससे सटे पर्वत श्रृंखला या एशिया के ऊंचे पहाड़, ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर धरती के सबसे बड़े इलाकों में फैले बर्फ के पहाड़ों में से एक हैं।  इस क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी जलविद्युत...

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जलवायु संकट में भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना

-आइडियाज फॉर इंडिया, सभी देशों की तरह भारत के लिए भी, जलवायु परिवर्तन एक अत्यंत तेजी से बढती समस्या बन गई है। इस लेख के जरिये पिल्लई एवं अन्य तर्क देते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना करने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत के संविधान में जलवायु संबंधी कई क्षेत्रों में राज्यों के महत्वपूर्ण कर्त्तव्य निर्धारित किये गए हैं। वे जलवायु नीति में संस्थागत सुधार...

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जम्मू कश्मीर: वन क्षेत्र बढ़ाने के वादे के उलट प्रशासन ने सशस्त्र बलों को अतिरिक्त वन भूमि दी

-द वायर, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने साल 2019 से लेकर अब तक 250 हेक्टेयर से अधिक पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील भूमि को सशस्त्र बलों को हस्तांतरित की है. पांच जनवरी साल 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. यह कदम हाल ही में सीओपी26 (COP26) जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारत द्वारा किए गए उस वादे के विपरीत है, जिसमें सरकार ने...

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ग्लासगो के संकल्प कहीं हिमालय को बर्बाद न कर दें!

-गांव सवेरा, स्काटलैंड के शहर ग्लासगो में सीओपी26 (कान्फ्रेंस ऑफ पार्टिस 26) का आयोजन 1 नवंबर से शुरु हुआ था। भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें शामिल होते हुए जिन समझौतों और संकल्पों पर हस्ताक्षर किए हैं इससे न केवल भारत पर अमेरिका, ब्रिटेन जैसे साम्राज्यवादी देशों को शिकंजा बुरी तरह से कसा जाएगा बल्कि यह पूरे देश सहित हिमालय क्षेत्र के लिए बुरे नतीजे निकलने वाले हैं। नेट जिरो...

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भारी बारिश और भूकंप के चलते हिमालय क्षेत्र में बढ़ रहे हैं भूस्खलन के मामले

-डाउन टू अर्थ, हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि भारी बारिश और भूकंप के चलते नेपाल में मानसून के दौरान सामने आने वाले भूस्खलन के मामलों में छह गुना वृद्धि हो सकती है। गौरतलब है कि मानसून के मौसम में जून से अगस्त के बीच यह हिमालयी देश हर साल गंभीर भारी बारिश के चलते भूस्खलन का अनुभव करता है। अपने इस शोध में शोधकर्ताओं ने यह...

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