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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें

जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...

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देश भर में नियुक्त होंगे 53,500 पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआरएचएम] की संचालन समिति ने देश के 235 पिछड़े जिलों में 53,500 पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस पर कुल 386 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन पुरुष कार्यकर्ताओं की नियुक्ति सबसे पहले उन उप-केंद्रों पर की जाएगी, जहां अभी सिर्फ महिला नर्स या एएनएम से काम चलाया जा रहा है। इनकी नियुक्ति के बाद...

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चिदंबरम ने कहा, गरीबों का खास ख्याल रखा जाए

रांची [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि केंद्र सरकार झारखंड में उग्रवाद पर नियंत्रण व विकास के लिए हर संभव मदद को तैयार है। राज्य प्रशासन इस दिशा में प्रतिबद्ध होकर कार्य करे। चिदंबरम राजभवन में राज्य के आलाधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी हर हाल में वर्ष 2010-11 के लिए विभागीय कार्यो की प्राथमिकता 30...

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अस्पताल डाक्टरों की कमी से खुद पड़े हैं बीमार

पिथौरागढ़। सरकार के तमाम दावों के बावजूद जनपद की स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हो पाया है। यहां पर चिकित्सकों की भारी कमी के चलते अधिकांश मामलों में खुद बीमार पड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला चिकित्सालय तक महज रेफर सेंटर साबित हो रहे हैं। वर्ष 2006 में स्वीकृत हुये बेस अस्पताल का मामला अभी भी अधर में है। बेस चिकित्सालय के राजनीति की भेंट चढ़ जाने से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद...

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पांच सौ रुपया तनख्वाह में बीस वर्षो से कार्य कर रही हैं दाईयां

पिथौरागढ़। सुविधाओं से वंचित ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने वाली दाईयों के हाल बद से बदत्तर हैं। सरकारें अपने कर्मचारियों को छठा वेतनमान दे रही है वहीं इन दाईयों को मात्र चार सौ रुपये प्रतिमाह खैरात के रुप में दिये जाते हैं। सौ रुपया स्थानीय अस्पताल से मिलता है। पांच सौ रुपयों के लिये दाईयों को माह में दो तीन बार ब्लाक मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिसमें मिलने वाली धनराशि का...

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