मोदी सरकार के पिछले दो साल के कार्यकाल के दौरान थोक व खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के बावजूद खाद्य पदार्थों खासकर दाल और चीनी जैसे कई जिंसों के भावों में उछाल आया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और अन्य जिंसों के दामों में गिरावट के साथ-साथ सरकार के राजकोषीय अनुशासन और रिजर्व बैंक की कठोर नीति के कारण मुद्रास्फीति काबू में है। लेकिन दो साल से कम बारिश के...
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शुगर एक्सपोर्ट सब्सिडी खत्म, कीमतों में तेजी के कारण हुआ फैसला...
नई दिल्ली।चीनी मिलों को एक्सपोर्ट पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो गई है। केंद्र सरकार ने गन्ने की कीमत पर 4.5 रुपये प्रति क्विंटल की रियायत को खत्म कर दिया. सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। एक्सपोर्ट न होने और घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने कदम उठाया. इस कथा को आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें ...
More »आयकर देने में इतना परहेज!-- आकार पटेल
कुछ साल पहले एक बुजुर्ग मुझे गाना सिखाने के लिए हर सुबह मेरे घर आया करते थे. वे भले व्यक्ति थे और यह काम दशकों से करते आ रहे थे. चूंकि हमारी मुलाकात नियमित रूप से हुआ करती थी, हम गाने की शिक्षा से पहले और बाद में उनसे कई सारे विषयों पर बात भी करते थे. उनमें जितनी गहरी लगन अपने संगीत को लेकर थी, उतनी ही गंभीरता से...
More »आयकर का दायरा बढ़ाना ही होगा-- मधुरेन्द्र सिन्हा
बीती सदी के नब्बे के दशक में जब नरसिंह राव और उनके सुयोग्य मंत्री मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, तब समृद्धि का एक दौर आया। उसके साथ ही करोड़पतियों की कतार बढ़ती गई। लंबी-लंबी कारें, बड़े-बड़े अपार्टमेंट और गहनों के चमकते शोरूम आम हो गए। देश में बढ़ते अरबपतियों की तादाद की खबरें दुनिया भर में सुनाई पड़ने लगीं। इन सब के बावजूद आयकर देने...
More »बने रोजगारपरक कर-प्रणाली--भरत झुनझुनवाला
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने चेतावनी दी है कि आनेवाले समय में भारत में बेरोजगारी की समस्या गहराती जायेगी. पिछले दो दशक में भारत में तीव्र आर्थिक विकास हुआ था. इस अवधि में 30 करोड़ युवाओं ने प्रवेश किया. तीव्र विकास के बावजूद इनमें आधों को ही रोजगार मिल सका है. ये सीमित रोजगार भी मुख्यतः असंगठित क्षेत्र में मिले, जैसे रिक्शा चलाने में अथवा कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में. ऐसे...
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