इस चिलचिलाती गरमी में पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा है और प्रमुख जलस्त्रोत सूखते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन पीने के पानी को लेकर खून बहने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जरूरत भी पूरी न होने से गुस्साएं प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं. आने वाले महीनों में, पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रहने वाली है. जल संकट पिछले 15 सालों से खतरे की घंटी बज रही है,...
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समृद्ध वन्यजीवन वाले उत्तर प्रदेश के एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान की सांस फूल रही है. हिमांशु बाजपे??
उम्मीदों का उजास और निराशा की स्याही दुधवा नेशनल पार्क के दो छोर हैं. इनके बीच में ज़िंदगी के जितने रंग हैं, वे सब देखने को मिलते हैं. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में स्थित दुधवा की सैर करते हुए जल्दी ही अहसास हो जाता है कि पार्क में सब कुछ उतना ठीक नहीं है जितना पहली नजर में लगता है. हरे-भरे दुधवा के वन्य जीवन को पेड़ों की अंधाधुंध कटाई...
More »बोतलबंद पानी का घातक कारोबार
नई दिल्ली [शेखर]। चढ़ते पारे ने पानी का संकट बढ़ा दिया है और पानी के संकट ने पानी के कारोबार को काफी मजबूत कर दिया है। जब सरकारी स्तर पर यह बात आने लगी कि पीने का साफ पानी नहीं मिल सकता है तो पानी के कारोबारियों के मन के हिसाब से माहौल बन गया। इसका नतीजा यह हुआ कि पानी से संबंधित कारोबारों में उफान आने लगा। इनमें सबसे ज्यादा कारोबार बढ़ा बोतलबंद पानी का।...
More »कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
More »एक मरीज पर केवल 1.20 रुपए
रायपुर. आंबेडकर अस्पताल को भले ही राज्य का सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी हेल्थ सेंटर का तमगा दिया जाने लगा है, लेकिन मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर पुराना सिस्टम ही चल रहा है। गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज की उम्मीद लेकर आने वालों को यह जानकार हैरानी होगी कि यहां एक मरीज पर सरकार रोजाना केवल 1 रुपए 20 पैसे खर्च कर रही है। राज्य शासन ने अस्पताल का बजट 7 करोड़ तय...
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