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गांव लौटने की मजबूरी - देविंदर शर्मा

बीते सात वर्षों में जिन किसानों ने खेती छोड़कर वैकल्पिक रोजगार अपना लिया था, आगामी कुछ महीनों में उनमें से डेढ़ करोड़ किसानों के थक-हारकर अपने गांव लौट आने की संभावना है। सामान्य स्थितियों में इतने बड़े स्तर पर किसानों के शहरों से गांव लौटने को समावेशी विकास का संकेत माना जाता। लेकिन अर्थशास्त्री इस यू-टर्न को आर्थिक मंदी का नतीजा बता रहे हैं। क्रिसिल ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे...

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हमारी विकास नीति में उनकी जगह- सुनील

कुछ साल पहले की बात है। दिल्ली जाने पर मैं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के एक प्राध्यापक से मिलने गया था। चर्चा के दौरान मैंने कहा कि पांचवें-छठे वेतन आयोग ने प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अफसरों-प्रोफेसरों के वेतन बहुत बढ़ाए हैं, जिससे समाज में गैरबराबरी और उपभोक्ता संस्कृति को बढ़ावा मिला है। उन्होंने तुरंत उसका बचाव करते हुए कहा कि वेतन बढ़ाना जरूरी है, नहीं तो विश्वविद्यालय में...

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शहरी इलाकों में आर्थिक असमानता बनी चुनौती- जयंतीलाल भंडारी

देश के शहरों में अमीरी और गरीबी के बीच असमानता के उच्चतम स्तर ने इन दिनों एक बड़ी बहस का रूप ले लिया है। योजना आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011-12 में शहरी क्षेत्रों में अमीरों और गरीबों के बीच में आर्थिक असमानता अब तक के सर्वोच्च स्तर पर रहा। खासतौर से देश के 10 राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और असम...

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क्रूरता की नई मिसाल !

ओड़िशा के कालाहांड़ी जिले में बंधुआ मजदूरों पर भयावह अत्याचार का मामला प्रकाश में आया है। मानवाधिकारों के लिए कार्यरत संस्था एशियन ह्यूमन राइटस् कमीशन ने स्थानीय मीडिया केबीके समाचार तथा सीजीनेट स्वरा के हवाले से सूचित किया है कि बीते माह कालाहांडी जिले में दो बंधुआ मजदूरों के हाथ एक बिचौलिए ने काट डाले! एशियम ह्यूमन राइटस् द्वारा जारी सूचना के अनुसार बिचौलिए ने घटना को अंजाम देने से...

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मनरेगा पर ज्यादा सरकारी धन खर्च

मनरेगा देश की सबसे बड़ी योजना है, जिस पर केंद्र सरकार 40-42 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च करती है. इसके मकसद के बारे में सभी जानते हैं. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक कानून है, जो शासन को इस बात के लिए बाध्य करता है कि वह किसी भी ग्रामीण परिवार के वैसे सदस्यों को एक साल में सौ दिन का रोजगार मुहैया कराये, जो 18 साल...

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