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विषमता की दुनिया-- धर्मेंन्द्रपाल सिंह

दावोस में विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम) की बैठक से ठीक पहले आर्थिक असमानता पर जारी आॅक्सफेम रिपोर्ट चौंकाती है। ‘एन इकॉनमी फॉर 99 परसेंट' नामक इस रिपोर्ट के अनुसार, आज बिल गेट्स, वारेन बफेट जैसे केवल आठ धन्नासेठों के पास विश्व की आधी गरीब आबादी यानी 3.6 अरब जनता के बराबर धन-दौलत है और एक प्रतिशत अमीरों के कब्जे में 99 फीसद संपत्ति है। यह हालत तब है...

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दोहरे प्रयासों से तेज होगा विकास - डॉ जयंतीलाल भंडारी

बीते सोमवार को जीएसटी कौंसिल की बैठक के बाद आगामी एक जुलाई से इस एकीकृत परोक्ष कर प्रणाली को लागू करने की बात कही गई है। चूंकि नोटबंदी के बाद सरकार देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की ओर अग्रसर है, ऐसे में एक जुलाई से जीएसटी की शुरुआत मददगार होगी। साथ ही जीएसटी की तिथि व दरें सुनिश्चित हो जाने के कारण आगामी बजट में अप्रत्यक्ष कर का अनुमान...

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रोटी, छुट्टी और चिट्ठी से चलती जिंदगी-- विभूति नारायण राय

अंग्रेजी की एक कहावत है- ‘आर्मी मार्चेज ऑन इट्स बेली'। हिंदी में अनुवाद करें, तो कह सकते हैं कि लड़ने के लिए सेना का पेट भरा होना जरूरी है। बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के वायरल हुए वीडियो के अंदर कई अंतर्कथाएं छिपी हैं। वीडियो देखते हुए मुझे बीएसएफ में बिताए अपने दस साल याद आ रहे हैं। पाठकों की जानकारी के लिए बता दूं कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स या...

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बिहार का वरिष्ठ IAS अधिकारी ‘राजू बन गया घोटालामैन’

पटना : छात्रवृत्ति भुगतान में अनियमितता के मामले में एससी-एसटी कल्याण विभाग के तत्कालीन सचिव एसएम राजू को निलंबित कर दिया गया है. इनकी अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को जारी की. 1991 बैच के आइएएस अधिकारी एसएम राजू पर राज्य से बाहर विभिन्न तकनीकी संस्थानों-कॉलेजों में पढ़नेवाले एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को 2013-14 और इसके पूर्व के वर्षों में भी छात्रवृत्ति भुगतान में अनियमितता के आरोप प्रथमदृष्टया सही पाये गये....

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उर्वरक उत्पादन में साझेदारी से खुलते नए रास्ते-- अजीत रानाडे

भारत दुनिया का सबसे बड़ा रासायनिक खाद आयातक देश है। यह विभिन्न देशों से करीब एक करोड़ टन यूरिया का सालाना आयात करता है। यह मात्रा देश में यूरिया की कुल खपत की एक तिहाई है। यूरिया का मुख्य अवयव प्राकृतिक गैस है, और भारत में इसकी उपलब्धता कम है, इसलिए इसके बड़े पैमाने पर आयात व दूसरे देशों पर निर्भरता की स्थिति लगातार बनी हुई है। लगभग एक दशक पहले,...

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