ऐसे समय में, जब आधार से संबद्ध तीन मामले उस संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए विचाराधीन हैं, जिसका अभी तक गठन ही नहीं हुआ, तब यह लाजिमी है कि हम आधार से जुड़े कुछ मूलभूत सवालों पर विचार करें। इस बात से इनकार करने का कोई आधार नहीं है कि इससे जुड़ी, खासतौर से निजता और सुरक्षा के बिंदु अहम हैं। कहने का आशय यह कि जरूरत...
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शब्दों के खेल में उलझी गंगा-- दुनू रॉय
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने अपने एक आदेश में कहा है कि गंगा नदी के सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए. एनजीटी ने अपने आदेश में उत्तराखंड के हरिद्वार से लेकर उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा नदी के किनारे से सौ मीटर तक के तटीय क्षेत्र को ‘नो डेवलपमेंट जोन' भी घोषित किया है. साथ ही यह भी कहा है कि गंगा के...
More »नदी पुनर्जीवन ही विकल्प-- सुरेश उपाध्याय
माना जाता है कि सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर ही हुआ है। लेकिन हम जिस दौर में जी रहे हैं और विकास की जिस अंधाधुंध दौड़ में शामिल हो गए हैं, उसने सबसे पहला हमला हमारी नदियों पर ही किया है। एक ओर नदियों को प्रदूषित किया जा रहा है तो दूसरी ओर कई नदियां विलुप्ति के कगार पर हैं या विलुप्त हो चुकी हैं। नदियों के शुद्धीकरण...
More »सामाजिक सुरक्षा की दिशा में कदम-- अनूप भटनागर
छद्म विवाह, बाल विवाह, बहु विवाह और पति द्वारा पत्नी का परित्याग करने जैसी प्रवृत्तियों की रोकथाम के साथ ही वैवाहिक विवादों और बच्चों की कस्टडी से संबंधित मामलों में महिलाओं को अनावश्यक परेशानियों से बचाने के इरादे से एक बार फिर सभी नागरिकों के लिये 30 दिन के भीतर विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य करने का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। वैसे तो देश में सिख समुदाय और...
More »जाति के भंवर में उलझा लोकतंत्र - एनके सिंह
भारत के संविधान की अनुसूची-3 में मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों (जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी शामिल हैं) द्वारा पद ग्रहण करने से पहले ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है। उन्हें इस बात की शपथ लेनी होती है कि वे संविधान में 'सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखते हैं। संविधान निर्माताओं ने सोचा होगा कि सार्वजनिक रूप से शपथ लेने से मानव बंध जाता है, क्योंकि उसे ईश्वर से डर लगे या...
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