बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करना आसान नहीं. उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारों में काम करने का खासा अनुभव है. वे हिंदीभाषी प्रदेशों के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जो बढ़िया वक्ता हैं. काफी पढ़े-लिखे हैं और राजनीति के उथल-पुथल वाले 70 और 80 के दशक में उन्होंने आजादी के बाद के, कांग्रेस से अलग धारा में काम करने वाले कई प्रमुख नेताओं के...
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अधूरी तैयारियां - उपेंद्र प्रसाद
आखिरकार खाद्य सुरक्षा कानून अब हकीकत बनने जा रहा है। आजादी के बाद का संभवतः यह सबसे महत्वाकांक्षी कानून है, जिसका उद्देश्य देश के लोगों को भोजन उपलब्ध होने की गारंटी प्रदान करना है। इसके दायरे में ग्रामीण इलाके की 75 फीसदी और शहरी इलाके की 50 फीसदी आबादी रखी गई है और मान लिया गया है कि जिनको दायरे में नहीं रखा गया है, वे अपनी खाद्य सुरक्षा करने में...
More »बिहार चार वर्षो के बाद बेचेगा बिजली
पटना : बिजली की किल्लत से जूझ रहा बिहार चार साल में न केवल बिजली के मामले में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि दूसरे राज्यों को बिजली भी बेचेगा. बिजली परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर कड़ी निगरानी की जा रही है. बरौनी थर्मल प्लांट के 50 मेगावाट के दो यूनिटों को विस्तारित कर 250 मेगावाट का एक यूनिट बनाया जायेगा. इसमें विश्व बैंक सहयोग करेगा. बरौनी...
More »नाम के नागरिक- बृजेश सिंह (तहलका हिन्दी)
वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...
More »सैकड़ों झोंपड़ियां डूबीं, दाने दाने को मोहताज लोग
दानापुर : बाढ़ से दियारे की सात पंचायतों की स्थिति भयावह बनी हुई है. बाढ़ के पानी में सैकड़ों झोंपड़ियां डूब गयी हैं व कई तेज धारा में बह गयी हैं. लोग दाने-दाने के लिए मोहताज बने हुए हैं. वही खेतों में लगी फसल भी बह गयी है. बाढ़ग्रस्त लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. दियारे की सातों पंचायतों में करीब तीन-चार फुट पानी बह रहा है. कासीमचक पंचायत की...
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