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समझा दर्द, मर्ज के उपचार को पहुंचे घर

नैनोहेल्थ की 'डॉक-इन-ए-बैग' तकनीक वैसे तो रिवाज है कि मरीज उपचार के लिए डॉक्टर के पास या अस्पताल पहुंचे, लेकिन हैदराबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के कुछ छात्रों ने 'नैनोहेल्थ' के नाम से एक ऐसे सोशल एंटरप्राइज की स्थापना की है, जिसके तहत 'डॉक-इन-ए-बैग' किट के साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ता डॉक्टरी परामर्श व दवाइयों के साथ घर-घर इलाज मुहैया करा रहे हैं. तो आइए जानें, यह...

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दाल का हाल : आत्मनिर्भरता से कितना दूर है देश ?

क्या निकट भविष्य में देश दलहन के मामले में आत्मनिर्भर हो पाएगा जैसा कि केंद्र की नई सरकार के एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री ने वादा किया था ?   दलहन के उत्पादन, आयात और उपभोग से संबंधित हाल का एक अध्ययन प्रधानमंत्री के वादे के विपरीत इशारे करता है. मिसाल के लिए अध्ययन के इन तथ्यों पर गौर करें :   साल 2030 तक भारत की आबादी के 1.68 अरब होने के अनुमान हैं...

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खुदरा व्यापारियों के बदलने का वक्त-- राजीव रंजन झा

देशभर के गल्लों पर बैठे सेठ जी आजकल ऑनलाइन आक्रमण से परेशान हैं. ऑनलाइन रिटेलरों ने त्योहारी मौसम को लूट लिया है. खरीदारी की उस धूम को हथिया लिया है, जो हर साल खुदरा दुकानों पर उमड़ा करती थी. इसीलिए खुदरा व्यापारियों के संगठन ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और इनके विरुद्ध नीतिगत व कानूनी विरोध से लेकर खुद उनके ही मंच पर, यानी ऑनलाइन बाजार में अपनी...

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महिलाओं के लिए बने माहौल- मृणाल सुमन

रक्षा मंत्री फौज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के पक्षधर हैं। लड़ाकू विमानों के पायलट के तौर पर सुझाव आए हैं और यह भी देखा जा रहा है कि महिलाएं युद्ध के मोर्चे पर कैसे जा सकती हैं। सरकार लैंगिक संवेदनशीलता को ध्यान में रख कर ऐसा कर रही है, लेकिन इससे पहले कुछ बातों पर गौर करना होगा। दुनिया भर की सेनाओं में महिलाओं को तमाम स्तरों पर सामाजिक, व्यावहारिक...

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खोजी पत्रकारिता क्या अब भी संभव है- किंशुक पाठक

पिछली सदी के सातवें दशक में 'वाटरगेट कांड' ने दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन को अपनी गद्दी छोड़ने को मजबूर कर दिया, पर कांड को उजागर करने वाले पत्रकारों कार्ल बर्नस्टीन और बॉब वुडवर्ड ने अपने मुख्य स्रोत को 31 साल तक दुनिया की आंखों से ओझल ही रखा। निक्सन के हटने के तीन दशक और उनकी मृत्यु के 11 साल बाद ही स्रोत का नाम...

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