बीती सदी के नब्बे के दशक में जब जर्जर भारतीय अर्थव्यवस्था को तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंहराव के वित्त मंत्री ने अमरबूटी पिलाई थी, तो किसी को एहसास भी नहीं था कि यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगी। विदेशों में बने टीवी, फ्रिज को देखकर ललचाते हुए मध्यवर्ग ने सोचा भी नहीं था कि भारत ऐसे सामान के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बन जाएगा। यह...
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देश की 20 प्रतिशत आय केवल 928 घरों में सीमित
एक तरफ तो सरकारें कहती हैं कि वो गरीबी और अमीरी की खाई को पाट देंगी लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट इस बात को सिरे से खारिज करती हैं कि भारत में कुछ ऐसा हो भी सकता है। बॉस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल कमाई का 20 प्रतिशत केवल 928 परिवारों तक ही सीमित हैं। बॉस्टन कस्लटिंग ग्रुप की रिपोर्ट में 'ग्लोबल वेल्थ 2015:विनिंग...
More »जमीन में कोयला आकाश में कालिख
देश का नेतृत्व तेज आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध दिख रहा है। इसके लिए कोयला उत्पादन दोगुना-तिगुना करने की जरूरत है। पर दुर्भाग्य से अगर ऐसा हुआ तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश बन जाएगा। डेविड रोज की रिपोर्ट वित्त वर्ष मार्च 2015 के अंत तक दुधिचुआ ने 15 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन किया, जो ब्रिटेन के कुल कोयला उत्पादन से भी अधिक है। दुधिचुआ सिंगरौली कोयला-क्षेत्र...
More »जी-7 का वादा, 2100 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन होगा आधा
एलमाउ कैसल। दुनिया के सात अमीर देशों ने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कटौती का वादा किया है। जर्मनी के बवेरिया आल्प्स में जी-7 समूह के नेताओं ने सोमवार को वैश्विक स्तर पर इस शताब्दी के अंत तक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन आधा करने का संकल्प लिया। 2010 के स्तर के मुकाबले इसके स्तर में 40-70 फीसद तक कटौती का लक्ष्य तय किया गया है। पेरिस में इस साल के...
More »प्रचंड गरमी पर उबलती बहस- इला भट्ट
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व, विशेष रूप से भारत, गरीबी के मुद्दे पर एक साथ नहीं आया है, जैसा कि यह जलवायु परिवर्तन पर एक साथ आया है. ये दोनों आपस में जुड़े हुए हैं. इसलिए, मैं भारत सरकार से आग्रह करूंगी कि देश का आइएनडीसी तैयार करते समय इसका ध्यान रखे कि क्या हमारे आइएनडीसी गरीबी को कम करने की दृष्टि से कार्बन उत्सजर्न को कम करने के लिए...
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