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मंत्रियों के गांवों में स्वास्थ्य सेवा लचर

राज्य सरकार के दो मंत्रियों गृह क्षेत्र के अस्पतालों की हालत खस्ता है. यहां चिकित्सक, कर्मचारी व संसाधनों का घोर अभाव है. सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सकों की कमी है. मरीजों को आवश्यक दवा भी बाजार से खरीदनी पड़ती है. भवनों की हालत पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण बनी हुई है. बेड का भी अभाव है. सफाई व्यवस्था की हालत भी दयनीय है. चिकित्साकर्मियों को आवास की भी सुविधा नहीं है. ।।ठाकुर संग्राम...

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गुजरात के विकास का सच

जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...

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मुनाफे का बढ़ता रोग- अरविन्द कुमार सेन

जनसत्ता 25 अक्टुबर, 2012: जीवनरक्षक दवाओं तक देश के नागरिकों की पहुंच सुनिश्चित करके बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना संवैधानिक दायित्व है और यह लक्ष्य हर मुनाफे से परे है। मद्रास उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी भारत सरकार बनाम नोवार्तिस मामले में की थी। स्विट्जरलैंड की नोवार्तिस दुनिया की पांचवीं बड़ी दवा निर्माता कंपनी है और इसने भारतीय पेटेंट कानून में बदलाव के मसले पर सरकार पर मुकदमा कर रखा...

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इंजीनियरिंग की फीस पांच गायें - ।।अजय कुमार सिंह।।

बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल स्थित अरियांव गांव में वर्ष 2008 में विद्या दान सोसायटी की स्थापना किसानों के सहयोग से सूर्य कुमार सिंह ने की. इस सोसायटी से पहले प्रोजेक्ट के रूप में गांव में लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया. दूसरे प्रोजेक्ट के रूप में गांव में हेल्थ केयर सेंटर की शुरुआत हुई. धीरे-धीरे यह सोसायटी विकास के मार्ग पर आगे बढ़ता गया और विद्या दान इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी...

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पीड़ा में पहाड़िया- निराला की रिपोर्ट

झारखंड से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैले पहाड़िया समुदाय के लिए जिंदगी उतनी ही दुश्वार है जितनी सदियों पहले थी. धरती के सबसे पुराने बाशिंदे कहे जाने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. निराला की रिपोर्ट. हम झारखंड के सुंदरपहाड़ी इलाके के पहाड़ों पर हैं. चेबो नाम के एक गांव में, जिस तक उजले भारत की कोई चमक अब तक नहीं पहुंची है, हां, शोषण जरूर उन...

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