श्रीनगर। बेशक वह गाय पर निबंध की दस पंक्तियां नहीं लिख पाया और न चौथी कक्षा के गणित के सवाल हल कर पाया, लेकिन उसने भरी अदालत में राज्य में आरईटी शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले और चहेतावाद की पोल जरूर खोल दी। अदालत ने भी इसका कड़ा संज्ञान लिया और राज्य सरकार को एक समिति के गठन का निर्देश देते हुए कहा कि यह उन सभी शिक्षकों का स्क्रीनिंग...
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आरटीआइ की कुंद होती धार- चंदन श्रीवास्तव
सूचना के अधिकार को कानून बनानेवाले विधेयक पर राष्ट्रपति के दस्तखत 2005 में 15 जून को हुए थे, पर राज्यसभा ने इसे मंजूरी 12 मई को दे दी थी. चूंकि कानून इस मई महीने में अपने मौजूदा स्वरूप का दसवां साल पूरा कर रहा है, तो पूछा जाना चाहिए कि लोगों के हाथ इस कानून से कितने मजबूत हुए. इस कानून के अमल को लेकर मौजूदा केंद्र सरकार की गंभीरता का...
More »आम आदमी और खास आदमी - नीलांजन मुखोपाध्याय
बांबे हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को अविलंब निलंबित करते हुए सलमान खान की जमानत अवधि पिछले दिनों बढ़ा दी। दुर्घटना के उस मामले में कुछ गरीब लोगों को न्याय पाने में लगभग तेरह साल लगे, जबकि एक अमीर और बिगड़ैल अभिनेता को जमानत हासिल करने में महज बहत्तर घंटे। सलमान लोगों की आंखों के तारे हैं, क्योंकि वह पर्दे पर ज्यादातर ऐसे आदमी की भूमिकाएं...
More »कानूनों के जंजाल से घिरी नौकरशाही - जोगिंदर सिंह
मैं हमेशा अचरज में पड़ जाता हूं कि आखिर जिन लोगों के हाथ में सत्ता और अधिकार हैं, वे सिरे से गलत चीजों को दुरुस्त करने के लिए क्यों कुछ नहीं करते? मैं जब स्टूडेंट हुआ करता था, तभी से मैं गुड गवर्नेंस वगैरह के बारे में सुनता आ रहा हूं, लेकिन अफसोस कि तब से लेकर अब तक ज्यादा कुछ नहीं बदला है। दुनिया बदल गई, हालात बदल गए,...
More »जल सत्याग्रह: ‘लड़ेंगे-मरेंगे, जमीन नहीं छोड़ेंगे’- जावेद अनीस
देश में भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर खूब बहस हो रही है, इधर मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ाए जाने को लेकर करीब एक पखवाड़े से किसान खंडवा जिले के घोघल गांव में जल सत्याग्रह कर रहे हैं. लगातार पानी में खड़े होने से सत्याग्रही किसानों के पैरों की त्वचा भी गलने लगी व खून का रिसाव शुरू हो चुका है. इतना सब होने के बावजूद प्रदेश सरकार...
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