पिछले कुछ दिनों से ऐसी बहुुत सारी खबरें आई हैं, जिनमें बताया गया है कि एटीएम काम नहीं कर रहे, जिससे यह डर एक बार फिर खड़ा हो गया है कि अर्थव्यवस्था में नगदी की किल्लत है। मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी करके ऐसी आशंकाओं का खंडन किया। इस बयान में कहा गया है कि पिछले तीन महीनों में नगदी की मांग असामान्य रूप से बढ़ी है।...
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सूचना के संजाल में छीजती संवेदना--- दिनेश कुमार
समाज में साहित्य के लिए जगह लगातार कम होती जा रही है। प्राय: ऐसा प्रतीत होता है कि समाज को साहित्य की कोई जरूरत नहीं है। समाज की प्राथमिकता से साहित्य का गायब होना चिंता से अधिक चिंतन का विषय है। साहित्य के नए पाठक बन नहीं रहे हैं और जो पुराने हैं वे धीरे-धीरे विदा हो रहे हैं। हम एक तरह से क्रमश: साहित्य विहीन समाज की ओर बढ़...
More »तेल पर मिलकर चलने को तैयार - सुषमा रामचंद्रन
हाल ही में ऐसे संकेत मिले हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए भारत और चीन मिलकर प्रयास कर सकते हैं। यदि ऐसा है तो यह निश्चित ही स्वागतयोग्य घटनाक्रम है। इसका मतलब है कि आर्थिक हितों को तवज्जो देते हुए विदेश नीति में अब कहीं ज्यादा व्यावहारिक रवैया अपनाया जा रहा है। दुनिया में अमेरिका के बाद भारत और चीन कच्चे तेल...
More »फांसी से नहीं रुकेगा अपराध--- आकार पटेल
कठुआ और उन्नाव में जो कुछ भी हुआ, वैसी घटनाओं पर हमारे समाज को कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए! विश्वभर में भारत इस बात को लेकर बदनाम है कि यहां यौन हिंसा के कारण महिलाएं अौर बच्चे असुरक्षित हैं. और, अगर यह सच नहीं है, तब भी ऐसी सोच बन चुकी है. ईमानदारी से खुद के भीतर झांकने और यह पूछने के लिए हमें विदेशी मीडिया का सहारा नहीं लेना चाहिए,...
More »होनहारों को उनका हक चाहिए-- शशि शेखर
कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई धांधली परत-दर-परत खुलती जा रही है। यही हाल सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं में हुए गड़बड़झाले का है। इस तरह के पुराने मामले के अन्वेषण के अगुआ रहे एक अवकाश प्राप्त अधिकारी का मानना है कि यह ऐसी दलदल है, जिसमें जितना खोदो, उतना कीचड़ हाथ आएगा। देश के नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ का यह सिलसिला पुराना है। एक आपबीती बताता हूं-...
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