सीकर. जिले के 38 गांवों व ढाणियों के हजारों ग्रामीणों का स्वास्थ्य भगवान भरोसे है। मामूली खांसी-जुकाम की दवा लेने भी यहां के लोगों को दस से 15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने एक मोबाइल वैन इनके लिए लगाई है लेकिन उसके दर्शन भी डेढ़ से दो माह के बाद ही हो पाते हैं। मौसमी बीमारियां शुरू हो चुकी है। भीषण गर्मी में डायरिया, लू, पेट दर्द, बुखार आदि बीमारियां...
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पशुपालन विभाग में डाक्टरों का टोटा
बदायूं। पशुपालन विभाग में कर्मचारियों का टोटा पड़ गया है। चिकित्सकों के 30 पदों में से 11 पद रिक्त हैं और 50 पशुधन प्रसार अधिकारियों में से सिर्फ 13 ही कार्यरत हैं। डाक्टर और स्टाफ के कमी के कारण विभाग की व्यवस्थाएं चरमरा गई है। मुठं्ठी भर कर्मचारी जिले के लगभग दस लाख पशुओं के स्वास्थ्य सम्बंधित जिम्मेदारियों को नही उठा पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का मुख्य कार्य कृषि...
More »नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ
मलिहाबाद (लखनऊ), 11 मई : क्षेत्र में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 42 मातृ शिशु परिवार कल्याण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। यह केन्द्र अपने उद्देश्यों से भटक गये हैं। इससे केन्द्रों की सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। ग्राम नवीनगर, कसमण्डी खुर्द, कसमण्डी कलां व रहीमाबाद केन्द्रों के भवन जीर्ण शीर्ण हैं। 15 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। इनकी स्थिति बदतर है। मानक...
More »पोषण चुनौतियों से निपटने की तैयारी तैयारी
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। महिला व बाल विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने पोषण चुनौतियों से निपटने के लिए एक संयुक्त पत्र तैयार किया है। इसे तैयार करने में राज्यों की भी राय ली गई है। संयुक्त पत्र में तीन साल तक के बच्चों के पोषण पर खास ध्यान देने के साथ इस काम के लिए योजना आयोग में एक पृथक समर्थन इकाई बनाने की अनुशंसा भी...
More »जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे
एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...
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