जरूरत है.. जरूरत है.. जरूरत है.. 60 करोड़ नए जॉब्स की जरूरत है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) की जनवरी 2012 की रिपोर्ट की यह हैडलाइन पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी की तरह है। रिपोर्ट कहती है कि अगले एक दशक में 60 करोड़ नए उत्पादक जॉब सृजित करने की आसन्न चुनौती का सामना करने के लिए दुनिया को अब कमर कस लेनी चाहिए। प्रेस और बीबीसी ने इस...
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सरकारी में है इतनी अधिक सुविधाएं, फिर भी प्राइवेट की है चांदी : हरी कुमार।
भोपाल। वर्तमान समय में भारतीय अभिभावकों की यह मानसिकता बन चुकी है कि पढ़ाई तो सिर्फ निजी स्कूलों में ही होती है, सरकारी स्कूल में बच्चों को भेजना, जैसे समय बर्बादी हो। इस मानसिकता का असर यह हो रहा है कि सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए सरकार द्वारा आजमाए जा रहे तमाम उपाय फेल हो रहे हैं। चाहे गरीब हों या अमीर, सभी अपने बच्चों को निजी स्कूलों में ही भेजना चाहते...
More »खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा
जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...
More »पहले था कुख्यात नक्सली, अब भिक्षा मांग चला रहा स्कूल
गया. यूं तो आपने कई तरह के विद्यालय देखे होंगे लेकिन बिहार के गया जिले के नक्सल प्रभावित कहे जाने वाले इलाके में एक ऐसा विद्यालय चल रहा है जिसे एक पूर्व नक्सली चला रहा है। खास बात यह है कि यह नक्सली भिक्षाटन कर यह विद्यालय चला रहा है। जहानाबाद ब्रेक कांड में था फरार कभी हाथ में बंदूक थामे रहने वाला और समाज की मुख्यधारा से विमुख हुआ नक्सली 35 वर्षीय अलखनंदा...
More »सुधार पर हावी सियासत : केविन रैफर्टी
मेरे पुराने मित्र मनमोहन सिंह इस वक्त आखिर क्या सोच रहे होंगे? क्या अब समय आ गया है कि वे भारत के प्रधानमंत्री पद के दायित्व से मुक्त हो जाएं और 40 वर्षो की शीर्षस्तरीय लोकसेवा के बाद रिटायरमेंट ले लें? या क्या उन्हें और सोनिया गांधी के कांग्रेस-नीत गठबंधन को इस उम्मीद में मध्यावधि चुनाव करा लेना चाहिए कि शायद युवा राजनेता सामने आएं और अपने ताजगीभरे विचारों के साथ भारत...
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