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क्या हम केरल की बाढ़ से सबक लेंगे-- एस श्रीनिवासन

आखिरी समाचार मिलने तक केरल की बाढ़ लगभग 400 लोगों को निगल चुकी है। करीब 10 लाख लोगों को इसके कारण बेघर होना पड़ा है और निजी व सरकारी संपत्तियों के नुकसान का आंकड़ा तो हजारों करोड़ में पहुंचेगा। एक बार जब बारिश थमेगी और राज्य सरकार अपनी अर्थव्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर और जन-स्वास्थ्य को फिर से पटरी पर लाने का काम शुरू करेगी, तब उसे कहीं गंभीर समस्याओं का सामना करना...

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पीएम की बातें और देश के सवाल-- योगेन्द्र यादव

क्या लाल किले और चांदनी चौक में फासला बढ़ रहा है? पंद्रह अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण सुनते वक्त यह सवाल मेरे जहन में कौंध रहा था. टीवी पर विपक्षी नेता और कई एंकर शिकायत कर रहे थे कि प्रधानमंत्री का भाषण बहुत राजनीतिक है. मुझे इसकी चिंता नहीं थी. स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण राजनीतिक होता है, होना भी चाहिए. यह भाषण...

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प्रभात खबर से खास बातचीत: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा, किसानों से किये गये सभी वायदे हुए हैं पूरे

छात्र जीवन से ही विद्यार्थी परिषद, जनसंघ काल में ही राजनीति से जुड़े आरएसएस के स्वयंसेवक राधा मोहन सिंह बिहार के पूर्वी चंपारण से पांच बार सांसद चुने गये हैं. वह ‍भाजपा के संगठन में लंबे समय तक काम कर चुके हैं. किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में लक्ष्य तय करने, देश में मौजूदा समय में कृषि के समक्ष चुनौतियों, किसानों की आय दोगुनी करने तथा कृषि से जुड़े...

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सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, सोशल मीडिया समेत कहीं भी प्रकाशित-प्रसारित ना हो यौन पीड़ित की तस्वीरें

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में हर तरफ महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया से कहा कि देश में यौन उत्पीड़न की घटना की पीड़ितों की तस्वीरें किसी भी रूप में प्रकाशित या प्रदर्शित नहीं की जाये. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा...

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क्रांति जिससे आजादी की राह निकली-- मृदुला मुखर्जी

‘भारत छोड़ो' (क्विट इंडिया) के नारे के साथ 1942 में ‘अगस्त क्रांति' की शुरुआत हुई थी। इस आंदोलन में हर तबके के लोगों ने हिस्सा लिया। किसानों, महिलाओं, छात्रों, नौजवानों के साथ-साथ विभिन्न विचारधारा के लोगों ने इसमें शिरकत की और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। वह दूसरे विश्व युद्ध का समय था और लोगों के लिए कठिन माहौल था। ब्रिटिश सरकार ने तमाम तरह के सख्त कानून थोप दिए थे...

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