जनसत्ता 7 जुलाई, 2012: पिछले दो-तीन दशकों का एक बड़ा राजनीतिक यथार्थ यह है कि राष्ट्रपिता के रूप में समादृत गांधी के ऊपर डॉ भीमराव आंबेडकर को न सिर्फ खड़ा करने, बल्कि गांधी को आंबेडकर और दलित विरोधी भी सिद्ध करने की कोशिश लगातार की जा रही हैं। यह सब हो रहा है आंबेडकर के नाम पर दलित राजनीति करने वाले आंबेडकरवादियों द्वारा, क्योंकि इसके जरिए उनके लिए एक समुदाय...
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सत्तू पिला कर बना करोड़पति
कोलकाता : यूपी-बिहार के लोगों का पसंदीदा आहार सत्तू को हर तबके में लोकप्रिय बनाने का उन्होंने जिम्मा उठाया.उन्होंने पारंपरिक सत्तू में औषधि मिला कर एक नये रूप में बाजार में उतारा, जो जंक फूड के आदी लोगों के लिए बेहतर पौष्टिक विकल्प बना और आज लाखों लोग उनकी चक्की का सत्तू पीकर दिन की शुरूआत करते हैं. यह कहानी है एनवीआर ग्रुप के सीएमडी संजय सिंह राठौर का.महज एक लाख रुपये से...
More »भोजन बर्बाद करने की इज्जत- अरुण कुमार त्रिपाठी
जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
More »दिल्लीः अब पानी के निजीकरण की तैयारी
अगर बिजली के निजीकरण का कांग्रेस पार्टी में विरोध नहीं हुआ होता तो पानी का निजीकरण मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही कर देतीं। उन्होंने चौबीसो घंटे पानी उपलब्ध करवाने के नाम पर कार्ययोजना भी शुरू करवा दी थी। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के तर्ज पर दिल्ली जल बोर्ड के लिए नियामक आयोग के गठन की भी घोषणा कर दी थी। उन्होंने सितंबर 2005 में...
More »राजस्थान की तरह यूपी में होंगी दवाएं सस्ती?
राजस्थान में कारपोरेट अस्पतालों में एक मरीज को दिल में स्टंट लगवाने के जहां डेढ़ लाख खर्च करने होते हैं, वहीं सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में यह स्टंट बीस से तीस हजार रुपए में मिल जाता है। इसी तरह हड्डी जोड़ने के लिए लगने वाले इम्प्लांट जहां बाजार में 12 हजार में मिलते हैं, वह सरकारी अस्पतालों में एक हजार में मिल जाते हैं। ये संभव हुआ है राजस्थान मेडिकल...
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