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हवाओं के रुख को बताता मोदी का भाषण - के. बेनेडिक्‍ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बार का स्वतंत्रता दिवस का भाषण यूं तो हमेशा की तरह उनकी वक्तृत्व शैली और श्रोताओं से जुड़ने की उनकी क्षमता की ही एक और बानगी था, लेकिन इस बार का भाषण उनके कई समर्थकों को शायद इसलिए निराशाजनक लगा हो, क्योंकि उसमें पर्याप्त सामग्री नहीं थी। कइयों को उसमें महत्वपूर्ण बातों के बजाय दोहराव और पीआर संबंधी कवायद अधिक लगी। अलबत्ता उन्होंने इस अवसर...

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बिजली की राह में सब्सिडी का झटका- नूर मुहम्मद

मोदी सरकार ने वायदा किया है कि अगले पांच वर्षों में हर घरों में चौबीस घंटे बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने पारेषण (ट्रांसमिशन) संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मेगा योजना की शुरुआत भी की है। लेकिन बिजली वितरण कंपनियों की अनिश्चित वित्तीय हालत इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की राह में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है। स्थिति यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं से 1.93 लाख...

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प्याज बचाने के लिए किसान ने बनाया देसी कोल्ड स्टोरेज

इंदौर। जिस प्याज के गिरते-चढ़ते भावों से राजनीतिक दलों की कुर्सी हिलने लगती हैं और सरकार की सांसें ऊपर-नीचे होती हैं, उसी प्याज को सड़ने से बचाने के लिए एक आम किसान ने जुगाड़ का कोल्ड स्टोरेज बना डाला। करोड़ों के कोल्ड स्टोरेज से इतर यह देसी कोल्ड स्टोरेज मात्र 35 हजार स्र्पए में तैयार हो गया। मेड इन सेमलिया चाऊ।   इंदौर जिले के सेमलिया चाऊ गांव के युवा किसान रंजनजसिंह...

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प्याज बचाने के लिए किसान ने बनाया देसी कोल्ड स्टोरेज

इंदौर। जिस प्याज के गिरते-चढ़ते भावों से राजनीतिक दलों की कुर्सी हिलने लगती हैं और सरकार की सांसें ऊपर-नीचे होती हैं, उसी प्याज को सड़ने से बचाने के लिए एक आम किसान ने जुगाड़ का कोल्ड स्टोरेज बना डाला। करोड़ों के कोल्ड स्टोरेज से इतर यह देसी कोल्ड स्टोरेज मात्र 35 हजार स्र्पए में तैयार हो गया। मेड इन सेमलिया चाऊ।   इंदौर जिले के सेमलिया चाऊ गांव के युवा किसान रंजनजसिंह...

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किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार

जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...

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