कोलकाता, 15 दिसम्बर (एजेंसी) पंचायत स्तर पर ज्यादा राजनीति से विकास कार्यों के प्रभावित होने को देखते हुए पश्चिम बंगाल की सरकार राज्य में तीन स्तरीय पंचायत प्रणाली को गैर राजनीतिक बनाने पर विचार कर रही है । राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने प्रेट्र से कहा, ‘‘पंचायत स्तर पर प्रणाली को गैर राजनीतिक बनाकर हमें विकास की गति को तेज करने की जरूरत है । पंचायत में...
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कम उम्र-कुंवारी कुड़ियां, काम ऐसा कि सुन आप भी रह जाएंगे दंग : हेमंत भट्ट
आणंद (गुजरात).गुजरात के एक ग्राम पंचायत की कमान अब गांव की बेटियां संभालेंगी। अविवाहित बेटियों को पंचायत सौंपने का यह ऐतिहासिक फैसला मध्य गुजरात के सिस्वा गांव ने लिया है। गांव की आबादी सात हजार है। सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के मुताबिक गांव की सरपंच से लेकर सभी पदाधिकारी लड़कियां ही होंगी। सरपंच व अन्य पदों के लिए चुनी गईं लड़कियों ने मंगलवार को यहां नामांकन दाखिल कर दिया। शेष दो लड़कियां बुधवार को उम्मीदवारी दाखिल करेंगी।...
More »मनरेगा के तहत रोजगार सृजन पर रमेश ने की पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (एजेंसी) मनरेगा के तहत रोजगार सृजन नहीं करने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र के माध्यम से पंचायतों को मजबूत बनाने को कहा है जो कि गांवों में रोजागार का प्रमुख माध्यम बने। रमेश ने कहा कि ‘पर्याप्त कोष की उपलब्धता के बावजूद’ राज्य सरकार ग्रामीण रोजगार योजना के तहत रोजगार...
More »पंचायतों में नियुक्त होंगे 8442 मीन मित्र
पटना : मछली उत्पादकों को अब तकनीकी सहयोग मिलेगा. पंचायत स्तर पर मछली उत्पादन को बढ़ावा देने व मत्स्य योजनाओं का लाभ उत्पादकों तक पहुंचाने के लिए हर पंचायत में मीन (मछली) मित्र की नियुक्ति होगी. सरकार 8,442 मीन मित्रों और उनके पर्यवेक्षण के लिए सभी 534 प्रखंडों में पारा एक्सटेंशन वर्कर की नियुक्ति करेगी. 20 दिसंबर को कृषि कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद नियुक्ति प्रक्रिया...
More »अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील
जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...
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