-डाउन टू अर्थ, 2005 में शुरू हुई महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना एक बार फिर चर्चा में है। लगभग हर राज्य में मनरेगा के प्रति ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारों का रूझान बढ़ा है। लेकिन क्या यह साबित करता है कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है या अभी इसमें काफी खामियां हैं। डाउन टू अर्थ ने इसकी व्यापक पड़ताल की है, जिसे एक सीरीज के तौर...
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एक नजर जलवायु परिवर्तन पर
-इंडिया वाटर पोर्टल, प्रायः ऋतुओं के समय में विचित्र एवं असम्भावित परिवर्तन होते रहते हैं जिससे ऋतुओं का प्रारम्भ अपने निर्धारित क्रमानुसार नहीं होता, जैसा कि होना चाहिए। निर्धारित समय से पूर्व वर्षा ऋतु का आगमन या अभूतपूर्व शीतलहरी आदि अप्रत्याशित घटनाओं को देखकर वैज्ञानिकों का ध्यान ऋतु विपर्यय की ओर गया है। देश-विदेश के विशेषज्ञ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या के अध्ययन में लगे हुए हैं। वे इसे जलवायु परिवर्तन...
More »आर्मी की महिला अफ़सरों को उनका अधिकार देने में भारत सरकार और देर करने वाली है?
-लल्लनटॉप, भारतीय थल सेना में महिला अफ़सरों को परमानेंट कमीशन मिलने में थोड़ा समय और लग सकता है. फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिए थे कि सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन दिया जाए. आदेश था कि तीन महीने के भीतर उन महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन दिया जाए, जो इसे चुनना चाहती हैं. मियाद पूरी हो गयी. कोरोना और लॉकडाउन जैसी चीज़ें सिर पर. फ़ैसला लागू...
More »महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?
-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...
More »डब्लूटीओ के बहाने किसानों को झटका
-आउटलुक, “सरकार के कुछ बड़े फैसलों में किसानों के हितों की बलि चढ़ाकर उद्योग को संरक्षण दिया गया” हाल ही में सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिये हैं लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इन फैसलों में जहां किसानों के हितों की बलि चढ़ाई गई है वहीं उद्योग को संरक्षण दिया गया है। कोविड-19 महामारी के चलते लागू लॉकडाउन में सबसे अधिक नुकसान दूध किसानों और मक्का किसानों का हुआ है लेकिन...
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