जनसत्ता 19 सितंबर, 2012: यूपीए सरकार ने एक झटके में ताबड़तोड़ डीजल-रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से लेकर अर्थव्यवस्था के संवेदनशील क्षेत्रों को विदेशी पूंजी के लिए खोलने और सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों के विनिवेश जैसे कई बड़े और विवादास्पद फैसलों का एलान करके संकट में फंसी अर्थव्यवस्था पर ‘झटका उपचार’ (शॉक थेरेपी) को आजमाने की कोशिश की है। यह उपचार भारत में कोई पहली बार नहीं आजमाया जा रहा...
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FDI के विरोध में सपा-बसपा, माया ले सकती हैं कड़ा फैसला
लखनऊ. रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर यूपी की दोनों मुख्य पार्टियां, सत्ताधारी सपा और प्रमुख विपक्षी बसपा केंद्र की यूपीए सरकार के खिलाफ हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा की केंद्र के इस फैसले पर यूपीए को दिए जा रहे समर्थन पर अगले महीने पुनर्विचार करेंगी। वहीं, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार को दिए जा रहे समर्थन पर आगे का फैसला पार्टी मुखिया मुलायम सिंह ही करेंगे। उन्होंने ये...
More »सनसनी न फैलाए मीडिया : मनमोहन
कोच्चि . प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि मीडिया सनसनी फैलाने की इच्छा पर काबू रखे। ताकि देश और समाज को बांटने वाली सामग्री न तो छपे और न ही प्रसारित हो। सिंह ने कहा कि ‘सांप्रदायिक सद्भाव और समूहों व समुदायों में संवाद बनाए रखने में मीडिया की भूमिका अहम है। उसके विचार और रिपोर्टिग ‘निष्पक्ष, उद्देश्यपरक और संतुलित’ होने चाहिए। सनसनी फैलाने की इच्छा से बचना चाहिए भले ही वह...
More »मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण
मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...
More »एक मूर्खता से उठी आंधी- एम जे अकबर
सार्वजनिक जीवन में कौन-सा अपराध बड़ा है, भ्रष्टाचार या मूर्खता? इस सवाल का जवाब देने के लिए आप समय ले सकते हैं. अगर भ्रष्टाचार राजनीतिक मृत्युदंड होता, तो यूपीए कैबिनेट का अधिकांश हिस्सा 2009 के चुनावों में जीत हासिल नहीं करता. संभवत: भ्रष्टाचार का आकलन उसके फैलाव से किया जाता है. जब भ्रष्टाचार का स्नेहक बड़ी लूट में तब्दील हो जाता है, तब वोटर तय करता है कि अब बहुत हो...
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