वर्ष 1989 में जब वीपी सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा सरकार सत्ता में आई थी तो उससे काफी उम्मीदें थीं। सरकार से आम लोगों की बहुत सारी अपेक्षाएं जुडी थीं। सामान्य धारणा यही थी कि वह लंबे अरसे तक सत्ता में बनी रहेगी, लेकिन यह सपना एक वर्ष में ही बिखरने लगा। मंडल आयोग का मुद्दा राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के लिए वाटरलू साबित हुआ और अंतत: सरकार धराशायी हो...
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सहस्राब्दि विकास लक्ष्य- भारत किस ओर?
सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य(एमडीजी) पर केंद्रित इंडया कंट्री रिपोर्ट में कहा गया है कि भुखमरी और मातृ मृत्यु को 2015 तक कम करने के दो महत्वपूर्ण लक्ष्य से भारत पीछे रह जाएगा। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन की कमी के शिकार लोगों की संख्या में 50 प्रतिशत कमी करने के अपने लक्ष्य से पीछे रह जाएगा। यह एमडीजी-1 के अंतर्गत लक्ष्य-2 में...
More »रोजगार-सुरक्षा से आएंगे महिलाओं के अच्छे दिन
अपने चुनावी अभियान में मोदी सरकार ने महिलाओं में ‘सुरक्षित दिनों' की खूब उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन पिछले बजट में इसे लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बजट में महिला सुरक्षा को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है। महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार में नए अवसर पैदा करने वाली योजनाएं भी लाई जा सकती हैं। पांच बड़े वादे संविधान संशोधन के जरिए...
More »झारखंड की स्थानीय नीति शीघ्र : रघुवर दास
दुमका: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य में स्थानीयता नीति शीघ्र तय कर दी जायेगी. पूर्व की सरकार द्वारा गठित की गयी कमेटी की रिपोर्ट का उनकी सरकार अध्ययन कर रही है. कहा कि हमें कोई वोट की राजनीति नहीं करनी है, इसीलिए इस पर जल्द निर्णय ले लिया जायेगा. सीएम ने मुख्यमंत्री सचिवालय सह कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार पहाड़िया बटालियन गठित करने...
More »महंगी पड़ेगी मुफ्तखोरी की राजनीति - हृदयनारायण दीक्षित
धनार्जन बहुत कठिन नहीं होता, लेकिन खर्च की प्राथमिकता तय करना बहुत कठिन है। राजकोष राष्ट्रीय संपदा है। भारत के लोगों की श्रम साधना से संचित निधि। इसका विनियोग-सदुपयोग राष्ट्रीय विकास के लिए ही किया जाना चाहिए। संविधान निर्माताओं ने बहुमत प्राप्त सरकार को भी मनमाने खर्च की छूट नहीं दी। संसद और विधानमंडल आय और व्यय के प्रत्येक बिंदु पर विचार करते हैं, बजट पारित करते हैं। खर्च अधिकार...
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