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गरीबों, बेसहाराओं को न्याय दिलाने के लिए काटजू बनाएंगे एनजीओ

मुंबई: मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले में दोषी ठहराए गए अभिनेता संजय दत्त और जैबुनिस्सा काजी को माफी देने की वकालत करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू गरीब तथा बेसहारा लोगों को न्याय दिलाने के लिए \'द कोर्ट ऑफ लास्ट रिसोर्ट\' के नाम से गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) बनाएंगे। \'कोर्ट ऑफ लास्ट रिसॉर्ट\' का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और राज्यों...

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ग्राम-सभा को कागजी शेर बनाने की कवायद

बात विकास-परियोजनाओं के बारे में निर्णय लेने की आये तो ग्राम-सभा की भूमिका क्या हो ? इसका उत्तर छुपा है संविधान की पांचवीं अनुसूचि, 73 वें संविधान-संशोधन, पेसा-कानून और वनाधिकार कानून में। इन उपायों के जरिए विकास-योजनाओं के संबंध में ग्राम-सभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं, वन और पर्यावरण की सुरक्षा भी इन उपायों से सुनिश्चित की गई है।   हाल के महीने में बड़ी चतुराई से इन कानूनों के व्याकरण से कुछ ऐसी छूट लेनी की कोशिश की...

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यह कैसी सौ फीसदी मंजूरी..!

उद्योगपतियों से लेकर प्रधानमंत्री तक एक ना एक रुप में वन और पर्यावरण मंत्रालय की आलोचना करते हैं कि वह ग्रीन-क्लीयरेंस के नाम पर औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण के काम को रोक देता है। लेकिन बीते पाँच सालों में इस मंत्रालय ने जो निर्णय लिए हैं , उसके अध्ययन के आधार पर पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने वाली एक संस्था के निष्कर्ष कुछ और ही इशारा करते हैं। संस्था की रिपोर्ट(देखें...

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मुसीबत में फंसी महिलाओं के लिए योजना तैयार

नई दिल्ली । सरकार ने मुसीबत में फंसी महिलाओं की मदद और उनके खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए एक समयबद्ध योजना पेश की है। महिला और बाल विकास विभाग की देखरेख में क्रियान्वित होने वाली इस योजना को 2013-14 से परीक्षण के तौर पर देश के 100 जिलों में लागू किया जाएगा। इसमें विपत्ति प्रतिक्रिया केंद्र बनाने और आपराधिक मामले दर्ज करने में पुलिस के लिए अधिकार क्षेत्र की सीमाएं समाप्त...

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आधार कार्ड यानी धोखे का आधार - सचिन कुमार जैन

आधार यानी विशेष पहचान के आधार को समझिए। लोगों को पहचान देने के नाम शुरू हुआ प्रयास महज 3 साल में ही लोगों के लिए विकास से बहिष्कार और योजनाओं से बेदखली का कारण बनने लगा। इसका मकसद सरकार के गरीबों पर किए जाने वाले खर्च को कम करना बन गया है और दूसरा मकसद है समुदाय को नकद धन देना ताकि वे बाज़ार को फायदे रोशन करें। जनवरी 2009...

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