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लोकतांत्रिक राजशाही का नया दौर - प्रदीप सिंह

लोकतंत्र दुनिया की सर्वोत्तम व्यवस्था नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि शासन व्यवस्था का इससे बेहतर कोई विकल्प भी नहीं है। इसलिए यह व्यवस्था अपनी तमाम खामियों के बावजूद ज्यादातर देशों में चल रही है। भारत ने भी आजादी के बाद संसदीय लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का फैसला किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। संसदीय जनतंत्र के प्रति पंडित नेहरू की प्रतिबद्धता पर शायद...

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फिर रुलाएगा प्याज, नवंबर में बढ़ सकते हैं दाम

नासिक। वैसे तो अब तक आप सस्‍ते प्‍याज के मजे लेते आ रहे होंगे लेकिन अब जल्‍द ही यह आपकी आंखों में आंसू ले आएगा। खबरों की माने तो आने वाले एक से दो महीनों में प्‍याज की कीमतें बढ़ सकती हैं और इसका असर एक बार फिर आपके किचन पर पड़ने वाला है। इस बार घटते रकबे और मानसून ने इसकी कीमतों में आग लगाने की तैयार की है। 20...

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मूडीज ने कहा, निवेश को गति देने के लिए पीपीपी मॉडल को विकसित करने की जरूरत

नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज कहा कि देश के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अधिक निजी निवेश आकर्षित करने के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी :पीपीपी: मॉडल को और विकसित किये जाने की जरुरत है. इससे वृद्धि को गति देने में मदद मिलेगी. मूडीज के वीपी :उपाध्यक्ष: तथा वरिष्ठ विलेषक अभिषेक त्यागी ने कहा कि देश में पिछले 20 साल में कुछ क्षेत्रों में पीपीपी व्यवस्था उपयुक्त...

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इस देश की GDP के बराबर है मुकेश अंबानी की संपत्ति

नयी दिल्ली: उद्योगपति मुकेश अंबानी लगातार नौंवे साल देश के सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा हासिल करने में सफल रहे हैं. फोर्ब्स इंडिया के अनुसार अंबानी की कुल संपत्ति तेजी से बढती हुई 22.7 अरब डालर पर पहुंच गयी. इस तरह अंबानी की परिसंपत्तियां एस्टोनिया की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बराबर हो गई. इसी तरह फोर्ब्स की सूची में विप्रो के अजीम प्रेमजी देश के चौथे सबसे धनी व्यक्ति...

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हम किसे गरीब माने-- अवधेश कुमार

हमारे-आपके लिए कौन गरीब है इसे अपने आसपास पहचानना कठिन नहीं है। लेकिन जब सरकार की ओर से गरीबों की औपचारिक पहचान की बात आती है तो समस्या बढ़ जाती है। वास्तव में भारत में कौन गरीब है इसके निर्धारण का प्रश्न एक जटिल पहेली की तरह हमारे सामने लंबे समय से खड़ा है। गरीबी तय करने को लेकर समय-समय पर कुछ मानक निर्धारित किए गए और उनके आधार पर...

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