नयी दिल्ली : कैबिनेट ने जाति और धर्म आधारित जनगणना को मंजूरी दे दी. ग्रामीण और शहरी इलाकों में गरीबी रेखा से नीचे रहनेवालों की गणना को भी मंजूरी मिल गयी. गणना का काम जून से शुरू होगा. दिसंबर तक खत्म हो जायेगा. इस पर करीब 3500 करोड़ खर्च होंगे. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने यह जानकारी...
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मनरेगा में अनियमितताओं की सीबीआई करे जांच
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा के छह जिलों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [मनरेगा] के कार्यान्वयन के लिए दी गई केंद्रीय राशि के उपयोग में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच कराने के आदेश दिए हैं। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएच कापड़िया, न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की एक पीठ ने गुरुवार को सीबीआई को मनरेगा के कार्यान्वयन के लिए दी गई केंद्रीय राशि के...
More »गोदाम अनाज से भरे फिर भी भूख से मौतें क्यों?: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली. देश में भूख से मौतों के बढ़ते मामलों से सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। उसने केंद्र से पूछा है कि जब अनाज के गोदाम लबालब भरे हैं। बंपर फसल भी हुई है। फिर भी देश में भुखमरी के मामले क्यों बढ़ रहे हैं। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने गरीबी की रेखा से नीचे के लोगों (बीपीएल)की संख्या हर राज्य में केवल 36 फीसदी मानने पर भी योजना आयोग को कड़ी फटकार लगाई।...
More »खेती में गांधीवाद से मिल रही दोगुनी उपज
छतरपुर. हाल ही की सर्दियों में पाला और तुषार से बुंदेलखंड के किसानों की फसलें तबाह हो रही थीं, पर गांधी आश्रम के खेतों में लगी दलहनी फसलें दोगुनी उर्वरता के साथ लहलहा रही थीं। पिछले साल भी क्षेत्र में सूखे के बीच इस आश्रम में भरपूर फसल थी। यह चमत्कार है गांधीवादी ढंग से की गई जैविक खेती का, जिसके अध्ययन के लिए देश-विदेश के दर्जनों कृषि विशेषज्ञ, विदेशी शोधार्थी...
More »आरटीआई कानून- हंगामा है क्यों बरपा ?
जो कभी इसके पैरोकार थे वही सूचना का अधिकार अधिनियम के कानूनी शक्ल लेने के पाँच साल बाद इतने चिन्तित क्यों है ? किस लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर धरना, रैली, सम्मेलन और भूख-हड़ताल की बाढ़ सी आई हुई है ? इसकी एक वजह तो यही है कि सूचना का अधिकार कानून से जिस मौन क्रांति का चक्का चल पडा है, उसकी गति को निहित स्वार्थवश किए...
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