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किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा

 भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...

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जीडीपी आंकड़ें बेहतर रहने की उम्मीद

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2009-10 के सोमवार को जारी होने वाले सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] के आंकडे़ अर्थव्यवस्था में नया उत्साह जगा सकते हैं, क्योंकि ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ये आंकडे़ 7.2 प्रतिशत के पूर्वानुमान से ऊंचे हो सकते हैं। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन [सीएसओ] ने इससे पहले वर्ष की जीडीपी वृद्धि के घोषित आंकड़ों में 2009-10 के दौरान 7.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि...

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बेलगाम महंगाई पर अब लगेगी लगाम!

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। महंगाई को रोकने की हर कोशिश नाकाम होने के बाद केंद्र सरकार को कृषि तथा मैन्यूफैक्चरिंग दोनों क्षेत्रों से खुशखबरी मिली है। वर्ष 2009-10 की तीसरी तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में जहां कृषि विकास दर में ढाई फीसदी का इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 0.7 फीसदी पर पहुंच गई है। वहीं मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में वृद्धि दर 13.8 से बढ़कर 16.3 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे अंतिम तिमाही में जीडीपी...

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आंकड़ों में मामूली नीचे आई खाद्य महंगाई

नई दिल्ली। खाद्यान्नों के दाम घटने से खाद्य महंगाई में नाममात्र की नरमी आई है। खाद्य उत्पादों के थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की यह दर 15 मई को समाप्त सप्ताह में 0.26 फीसदी घटकर 16.23 फीसदी हो गई। हालांकि महंगे फल व सब्जियों की वजह से अभी भी यह 16 फीसदी से नीचे नहीं उतर रही है। इससे पूर्व सप्ताह में खाद्य महंगाई की दर 16.49 फीसदी पर थी। रबी की फसलों के...

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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