संबंधित प्राधिकरण जब भी महँगाई से जुड़े आँकड़े जारी करता है, समाचार माध्यमों की सुर्खियाँ इन्हीं आँकड़ों से लद जाती है। हाल ही में आर्थिक सलाहकार के ऑफिस ने थोक मूल्य सूचकांक के आँकड़े जारी किए थे; जिसमें मई (2023) महीने में महँगाई को नकारात्मक दर से बढ़ते हुए दर्शाया है। ये नकारात्मक (माइनस) आँकड़ों में महँगाई किस तरह से आती है? महँगाई का आकलन कैसे किया जाता है? महँगाई...
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चारा संकट की जड़ें, भाग एक: हरित क्रांति के समय से शुरू हो गई थी समस्या
डाउन टू अर्थ, 15 मई भारत विश्व की 20 प्रतिशत पशुधन आबादी के साथ सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र के कृषि एवं खाद्य संगठन के अनुसार, यहां के 70 प्रतिशत परिवार आजीविका के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि एवं इससे जुड़े व्यवसाय पर निर्भर हैं। पशुपालन आदि काल से ही मानव सभ्यता के साथ जुड़ा रहा है, परंतु पिछले कुछ सालों में चारे की बढ़ती...
More »बेरोजगारी दूर करने का दमखम है कृषि में
दैनिक ट्रिब्यून, 03 अप्रैल कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह देश ने प्रवासी मजदूरों का घर-वापसी पलायन देखा, उसके बाद आई आवधिक श्रमिक बल सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि खेत मजदूरों की संख्या में 3 फीसदी का इजाफा हुआ है, यह गिनती वर्ष 2018-19 में 42.5 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 45.5 फीसदी हो गई। जिस कृषि क्षेत्र को इन तमाम सालों में जान-बूझकर दीन-हीन बनाकर रखा गया है, वह...
More »पंजाब में गिरते भूजल स्तर के बावजूद जारी है धान की खेती
भूजल स्तर पर धान की खेती के असर को देखते हुए लंबे समय से पंजाब में इस बात पर चर्चा हो रही है कि धान की खेती को कम किया जाए। इसके बावजूद, ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अभी भी पंजाब की खेती में सबसे ज्यादा हिस्सा धान की खेती का ही है। पंजाब के कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में खरीफ की फसल के समय (जून से अक्टूबर)...
More »पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य
पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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