जनसत्ता 27 अगस्त, 2013 : रुपया लुढ़कता जा रहा है। इसे रोकने की भारत सरकार और रिजर्व बैंक की सारी कोशिशें नाकाम होती जा रही हैं। चारों तरफ घबराहट फैल रही है। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। पेट्रोल सहित तमाम आयातित वस्तुएं महंगी होने से महंगाई का एक नया सिलसिला शुरू हो रहा है। एक तरह से हम महंगाई का आयात कर रहे हैं। इतना ही नहीं, विदेशी...
More »SEARCH RESULT
चुनाव से पहले रौशन होंगे गांव
नई दिल्ली, [जयप्रकाश रंजन]। आगामी आम चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार गांव वालों को लुभाने के लिए एक और दांव खेलने जा रही है। जनता को सीधे हाथों में सब्सिडी और खाद्य सुरक्षा देने के बाद अब गांवों में ज्यादा से ज्यादा बिजली देने की तैयारी है। खास तौर पर गांवों में गरीबों के घरों को रौशन करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए राजीव गांधी ग्रामीण...
More »जीएम फसलों के समर्थन में किसानों का प्रदर्शन
कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मिंग एसोसिएशन (सीफा) समेत किसान संगठनों ने जेनेटिकली मॉडीफाइड (जीएम) फसलों का समर्थन किया है और उन्हें प्रगति के लिए आवश्यक बताया है। इन संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पांच सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों का विरोध किया है, जिसने नियामक संबंधी कमियां दूर होने तक जीएम फसलों का फील्ड ट्रायल बंद रखने की सिफारिश की है। सीफा के महासचिव चेंगाल रेड्डी ने एक बयान में कहा कि जीएम...
More »पत्रकारिता का लाइसेंस क्यों?- उर्मिलेश
जनसत्ता 22 अगस्त, 2013 : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू काफी दिनों से पत्रकारिता की तुलना वकालत और डॉक्टरी आदि जैसे पेशों से करते आ रहे हैं।उनका तर्क है कि अन्य सभी पेशों के लिए कुछ न कुछ योग्यता तय है। पर पत्रकार कोई भी बन जाता है! पांच-छह महीने पहले उनके इस आशय के बयानों पर काफी विवाद हुआ तो विस्तृत रिपोर्ट और सुझाव देने के लिए उन्होंने...
More »लोहा नहीं अनाज चाहिए- विनोद कुमार
जनसत्ता 20 अगस्त, 2013 : झारखंड बनने के बाद प्रभु वर्ग ने इस बात को काफी जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित किया है कि झारखंड का विकास और झारखंडी जनता का कल्याण उद्योगों से ही हो सकता है और खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। यह प्रचार कुछ इस अंदाज में किया जाता है मानो झारखंड में पहली बार औद्योगीकरण होने जा रहा है। हकीकत यह है कि...
More »