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सूरज की किरणों से बंधती एक उम्मीद-- विजय कुमार चौधरी

दुनिया अब फिर से सूरज की ओर देख रही है। फॉसिल फ्यूल के प्रदूषण से परेशान और ग्लोबल वार्मिंग की आशंकाओं से चिंतित दुनिया की सारी उम्मीदें अब सूर्य के प्रकाश पर ही टिक गई हैं। 11 फरवरी को नई दिल्ली में भारत और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (इंटरनेश्नल सोलर एलायंस) के पहले शिखर सम्मेलन को इसी दृष्टि से देखे जाने की जरूरत है। यह...

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आरबीआई गवर्नर से सवाल-- कुमार प्रशांत

उर्जित पटेल बोले. बड़ी खबर यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के मुंह में जबान है अौर वह काटती भी है. देश की बैंकिंग-व्यवस्था की यह सिरमौर संस्था ने कभी ऐसी अपमानजनक भूमिका स्वीकार नहीं की थी, जैसी उर्जित पटेल ने इसे स्वीकार करने पर विवश कर दिया. यह चुप्पी अौर भी घुटन भरी इसलिए लग रही थी कि उर्जित पटेल ने उस जूते में पांव डाला था,...

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साम्यवाद गया पर लेनिन जिंदा हैं-- रामचंद्र गुहा

एक प्रति-तथ्यात्मक सवाल है- अगर त्रिपुरा में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माक्र्सिस्ट) ने भगत सिंह की मूर्तियां लगाई होतीं, तो क्या होता? क्या माकपा को सत्ता से बाहर कर देने के बाद भाजपाई उनके साथ भी यही सुलूक करते? एक साल पहले एक इतिहासकार मित्र, जो माकपा सदस्य भी हैं और मैं बेंगलुरु में लंच कर रहे थे। कम्युनिस्ट होने से अलग, अच्छे अध्येता, मजाकिया-हाजिर जवाब और क्रिकेट प्रेमी होने...

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आरबीआई की रिपोर्ट- नोटबंदी के बाद चार खरब रुपये घट गई थी लोगों की ग्रॉस एसेट्स

RBI की तिमाही रिपोर्ट में आमलोगों पर नोटबंदी के व्‍यापक असर की तस्‍वीर सामने आई है। ‘हाउसहोल्‍ड फायनेंशियल एसेट्स एंड लायबलिटीज' नाम से जारी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 के पुराने नोटों को वापस लेने के फैसले का स्‍पष्‍ट प्रभाव दिखा है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर, 2016 में ग्रॉस फायनेंशियल एसेट्स (सकल वित्‍तीय संपत्तियां) का कुल मूल्‍य 141 ट्रिलियन रुपये था। दिसंबर, 2016 तक...

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गांवों से जुड़ें अधिकारी-- प्रभात कुमार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को कहा था कि देश के पिछड़े जिलों में युवा अधिकारियों की तैनाती हो, तो इससे उन जिलों का विकास संभव हो सकेगा. देश के 115 पिछड़े जिलों में अगर विकास को बढ़ावा मिले, तो देश का विकास स्वयं ही हो सकेगा. हमारे प्रधानमंत्री का यह विचार अति उत्तम है. इसमें कोई संदेह नहीं है, इसलिए इसकी सराहना होनी चाहिए. यदि युवा अधिकारी पिछड़े...

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