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आरकेसी में गरीब पढ़ेगा, शासन का आदेश

रायपुर. निशुल्क शिक्षा का अधिकार कानून भले ही 2009 में बना हो, लेकिन प्रदेश में शिरीष पाठक पहला गरीब होगा, जो राजकुमार कालेज में पढ़ेगा। शासन ने व्यक्तिगत रूप से किसी छात्र के लिए पहला आदेश मंगलवार को जारी किया। स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव एमएन राजुरकर ने राजकुमार कॉलेज के अध्यक्ष टीएस सिंहदेव को लिखे पत्र में कहा है कि निशुल्क शिक्षा के अधिकार के तहत शिरीष को पहली में एडमिशन...

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सुधार का कोई रास्ता नहीं दिखता ।। संजय मिश्र की प्रस्तुति ।।

- झारखंड के बाद बिहार से पंचायतनामा प्रकाशन की तैयारियों के सिलसिले में जिलों से लेकर ब्लॉक और पंचायत तक की यात्रा पर निकला. इस दौरान बीडीओ-सीओ से लेकर डीएम-एसपी से मुलाकात हुई. मुलाकातों में चर्चा व सवाल का केंद्र था—आखिर लोकल गवर्नेस में सुधार कैसे हो सकता है और इस सुधार में पंचायती राज की क्या भूमिका है और क्या हो सकती है? अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों ने इस आग्रह के साथ...

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कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण

  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्‍बन्‍धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...

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करावलनगर की वॉकर फ़ैक्ट्रियों में मज़दूरों के हालात

उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में करावलनगर के औद्योगिक इलाके और उससे लगे क्षेत्र में वॉकर (छोटे बच्चों को चलने में मदद करने वाली साइकिल) और पालना बनाने वाली 14-15 छोटी-छोटी फ़ैक्ट्रियाँ हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियों में 10-15 मज़दूर और कुछ में 30-40 मज़दूर काम करते हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियाँ दलित बस्ती में हैं, कुछ करावलनगर गाँव, पंचाल विहार और दयालपुर में स्थित हैं। इनमें काम करने वाले ज़्यादातर मज़दूर झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश से आये प्रवासी...

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‘जनश्री’ से सरकार खींच रही हाथ, चलाई ‘आम आदमी योजना’

नागपुर। तीन साल तक दोनों हाथ से धन बरसाने के बाद सरकार अब गरीबों के लिए बनी ‘जनश्री बीमा योजना’ से धीरे-धीरे हाथ खींच रही है।   सरकार कितना धन बांट चुकी है, इसका अंदाजा इस बात से चलता है कि नागपुर मंडल में इसके लगभग 5 लाख बीमा धारक हैं। गत वर्ष 1 लाख 70 हजार 4 सौ बच्चों को छात्रवृत्ति बांटी गई है।   एनजीओ के माध्यम से योजना   उल्लेखनीय है कि सरकार ने गरीबों...

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