सरकार अब राशन में खाद्यान्न की जगह नकद भुगतान करने जा रही है. इसका पायलट फेज दिल्ली की दो बस्तियों में प्रारंभ भी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को भी समाप्त करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने की साजिश तो वर्ष 1991 के बाद से ही शुरु हो...
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सब्सिडी का अनोखा खेल-डॉ भरत झुनझुनवाला
वित्त मंत्री ने मन बनाया है कि लाभार्थी को सब्सिडी नगद रूप में दी जाए. वित्त मंत्री के मंतव्य का स्वागत किया जाना चाहिए. गरीब के नाम पर उच्चवर्ग और कंपनियों को पोषित करना उचित नहीं. हमारे धर्मग्रंथों में भी गरीब को नगद देने की बात कही गयी है. सरकार द्वारा डीजल, यूरिया, खाद्यान्न आदि पर सब्सिडी दी जा रही है. आम आदमी समझता है कि इससे उसे राहत मिल रही...
More »गरीबों को दिया जा रहा घटिया चावल: सत्तापक्ष
भोपाल। विधानसभा में भाजपा विधायकों ने राशन की दुकानों से घटिया चावल देने का आरोप लगाया। ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला भाजपा विधायक ठाकुरदास नागवंशी और गिरिजाशंकर शर्मा ने उठाया। उन्होंने कहा कि बीपीएल एवं अंत्योदय कार्डधारकों को अच्छी किस्म के क्रांति चावल की जगह दोयम दर्जे का चावल दिया जा रहा है। जबकि मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) की ओर से राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को अच्छी किस्म का...
More »राज्य में अब भी 11.6 फीसदी परिवार भूखे
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लेकर रोजी-रोटी अभियान राजस्थान की ओर से हाल ही किए सर्वे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। संस्थान की ओर से प्रदेश के 12 जिलों में 48 स्थानों पर 952 परिवारों के किए सर्वे में पता चला है कि सरकार की सभी को अनाज देने की घोषणा के बावजूद प्रदेश में अब भी 11.6 फीसदी परिवारों को कई...
More »अब परतें खुल रही हैं, क्यों हुई मप्र में गेहूं की बंपर खरीद
जागरण ब्यूरो, भोपाल। इस बार मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की बंपर खरीद कैसे हुई, यह अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है। एक किसान के पास दस एकड़ से भी कम रकबा है पर उससे सरकार ने 800 क्िवटल गेहूं खरीद लिया। जाहिर है सरकारी मशीनरी की मिलीभगत से व्यापारी अपना काम निकालने में सफल हो गए। हरदा जिले का मामला यह बताने के लिए पर्याप्त है कि बंपर...
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