भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने घोषणा कर दी कि चार सितंबर के बाद वे अपना पद छोड़ देंगे। उनके एलान से विदेशी निवेशक चिंतित हैं, उद्योग जगत में निराशा है और शेयर बाजार में घबराहट। राजन का कार्यकाल न बढ़े, इसके लिए कुछ लोगों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। देश का केंद्रीय बैंक (आरबीआइ) ही मौद्रिक नीति निर्धारित करता है और फिर उसके माध्यम से...
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7 साल में 300 बार जन सुनवाई में गया किसान, सीएम हाउस पर आत्मदाह की चेतावनी
मुरैना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल 2009 में जनसुनवाई कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम को शुरू हुए जून के इस महीने में पूरे 7 साल हो गए हैं। यह कार्यक्रम जनता के लिए कितना सफल रहा यह कहना मुश्किल है, लेकिन जिले के एक किसान की कहानी इस जनसुनवाई की अलग ही कहानी बयां करती है। यह किसान मंगलवार 30 जून 2009 में पहली बार अपनी शिकायत...
More »कैराना मामला : न कारोबार महफूज और न इज्जत
संजीव गुप्ता, पानीपत। उत्तर प्रदेश के कैराना से हिंदुओं के पलायन और उसके पीछे दहशत की कहानी अब परत दर परत सामने आने लगी है। पानीपत में शरण लिए कुछ लोगों की आपबीती इस तरह सामने आई है, जैसे कैराना में कानून-व्यवस्था नहीं, कुछ खास लोगों का राज हो। व्यवसाय चलाने के लिए लाखों की रंगदारी देनी पड़ती है। हिंदू महिलाएं शाम के बाद घर से नहीं निकल सकतीं। ईश्वर चंद...
More »पहले नियुक्ति और अब शिक्षकों की पात्रता परीक्षा!
रायपुर। राज्य के स्कूलों में ऐसे शिक्षाकर्मी, जो कि बगैर टीईटी (अध्यापक पात्रता परीक्षा) पास होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें जुलाई में होने वाली टीईटी में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है। वहीं इस मामले में शिक्षाविदें का कहना है कि पहले नियुक्ति और फिर पात्रता का परीक्षण करना गलत है। सरकार अपनी चूक को छिपाने के लिए शिक्षकों पर बोझ डाल रही है। स्कूल शिक्षा विभाग...
More »शुक्ल जी न होते, तो चंपारण की दुर्दशा नहीं देख पाते महात्मा गांधी
बिहार में महात्मा गांधी के आने की जब भी चर्चा होगी, वहां राजकुमार शुक्ल भी खड़े मिलेंगे. वह न होते तो शायद चंपारण के किसानों की दुर्दशा गांधी के बरास्ते दुनिया नहीं देख पाती. गांधी के सत्याग्रह के प्रयोग का हमसफर रहे राजकुमार शुक्ल का जन्म 23 अगस्त, 1875 को चंपारण जिला के लौरिया थाना के सतवरिया नामक गांव में हुआ था. इनके पिता कोलाहल शुक्ल थे. उन दिनों निलहों...
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