प्रभात खबर,पटना: राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए पशुपालन विभाग ने एक खास योजना शुरू की है. इस योजना को फिलहाल छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. कुछ समय बाद इसे सभी जिलों में समान रूप से लागू कर दिया जायेगा. ‘बैकयार्ड पॉल्ट्री' यानी घर के पीछे मुरगीपालन नामक इस योजना का मुख्य उद्देश्य...
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मांझी का मास्टर स्ट्रोक: एससी-एसटी को सस्ता राशन
प्रभात खबर,राज्य सरकार ने एससी-एसटी परिवारों व होमगार्डो को बड़ी राहत दी है. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में सभी एससी-एसटी परिवारों को खाद्य सुरक्षा का लाभ देने का निर्णय लिया गया, तो होमगार्ड के जवानों के लिए चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति में 50 फीसदी आरक्षण मंजूर किया गया. साथ ही पटना के आइजीआइएमएस को कैंसर इंस्टीटय़ूट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है. पटना: राज्य में आयकरदाता...
More »सभी एससी-एसटी खाद्य सुरक्षा के दायरे में
पटना: बिहार में आयकरदाता और वर्ग एक, दो व तीन के सरकारी कर्मियों को छोड़ कर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाया गया है. यह निर्णय मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में लिया गया. बैठक के बाद प्रधान सचिव, कैबिनेट बी प्रधान ने बताया कि इस निर्णय के साथ ही राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के...
More »राजस्थान के 25 में से 20 सांसदों ने गोद लिए अपनी ही जाति के गांव
जयपुर। सांसद अपना स्टाफ और पीए चुनने में ही नहीं बल्कि गांव गोद लेने में भी जाति देखते हैं। राज्य के 25 में से 20 सांसदों ने उन्हीं गांवों को गोद लिया है जिनमें उनकी खुद की जाति की आबादी ज्यादा है। भास्कर ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लोकसभा सांसदों की ओर से गोद लिए गए गांवों की पड़ताल की तो उसमें जातिगत प्रेम का यह अनूठा मामला सामने...
More »25 किमी रोजाना पहाड़ पर चढ़कर पढ़ाने जाते हैं शिक्षक
बतौली-सुवारपारा (छग)। बिलासपुर के बतौली क्षेत्र के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र परसाडांड का स्कूल जर्जर हालात से गुजर रहा है। 1991 के बाद से स्कूल तक झांकने कोई आला अधिकारी नहीं पहुंच सका है।पहाड़ी कोरवा बस्ती में स्कूल सुविधाहीन हैं। कमरे बैठने व अध्ययन योग्य नहीं हैं। स्कूल शिक्षक किसी अनहोनी की आशंका से बच्चों को बाहर पढ़ाते हैं। स्कूल की दर्ज संख्या इसी वजह से अत्यंत कम है। अत्यंत दुर्गम पहाड़ी...
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