-रूरल वॉइस, बी सीजन की बुवाई के समय किसानों को झटका देते हुए उर्वरक उत्पादक कंपनियों ने एनपीके समेत कई कॉम्पलेक्स उर्वरकों के दामों में 500 रुपये प्रति बैग (50 किलो) से अधिक तक की बढ़ोतरी कर दी है। इसके चलते नाइट्रोजन, फॉस्फेट और पोटाश (एनपीके) के काम्प्लेक्स उर्वरक की कीमतें 1750 रुपये प्रति बैग पहुंच गई हैं। सरकारी उर्वरक कंपनी नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (एनएफएल) और सहकारी संस्था कृभको का एनपीके...
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"अब शहादत की बारी मेरी है," लखीमपुर के मृतक किसान लवप्रीत सिंह के पिता
-कारवां, 5 अक्टूबर की सुबह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के चौकरा फार्म इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच एक घर के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हैं. दो दिन पहले लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में जान गंवान वाले सबसे कम उम्र के 20 वर्षीय लवप्रीत सिंह के दाह संस्कार के लिए यह भीड़ जमा हुई है. तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया के पास...
More »क्या हिंसा की संस्कृति अब भारत की पहचान बनती जा रही है
-द वायर, इसमें अब कोई संदेह नहीं रह गया है कि भारत में शासक दल भारतीय जनता पार्टी के द्वारा हिंसा भरी जा रही है. उससे भी ज़्यादा फिक्र की बात यह है कि हिंसा को लेकर एक तरह की बेहिस बेपरवाही लोगों में भरती जा रही है. हिंसा और हत्या की इस संस्कृति को समझना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है इसके पहले कि यह इस देश को पूरी तरह तबाह...
More »कोविड-19 टीके के लाभार्थियों से पूछे बिना ही बना दी स्वास्थ्य आईडी
-कारवां, मई 2021 की शुरुआत में 29 वर्षीय श्वेता सुंदर अपने परिवार के तीन सदस्यों के साथ कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक लेने के लिए दक्षिणी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल गई थीं. टीकाकरण केंद्र के कर्मचारियों ने उन्हें पहचान के लिए आधार कार्ड जमा करने को कहा. सरकार ने जो दिशानिर्देश जारी किए हैं उनके अनुसार लाभार्थी छह अन्य प्रकार के सरकारी पहचान पत्र जमा कर सकते हैं. सुंदर ने कहा, “उस...
More »असम फायरिंग को अवैध कब्ज़े से ज़मीन ख़ाली कराने के मसले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए
-द वायर, असम में हाल में हुई हिंसा ने देश का ध्यान खींचा है. दरांग जिले में सिपाझार के धालपुर 2 के गोरुखुटी में पुलिस की गोली से दो लोग मारे गए. इसकी खबर असम के अखबारों ने किस तरह छापी? अंग्रेज़ी अखबार ‘सेंटिनल’ से एक नमूना देखिए, ‘सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन के एक बड़े अभियान के दौरान इलाके के हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. जब...
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