पोड़ैयाहाट गोड्डा निप्र: प्रखंड के राजकीयकृत प्लस टू विद्यालय डांडे को देखने से सरकार की झारखंड के नौनिहालों के प्रति गंभीरता का आकलन स्वयं हो जाता है। 50 साल पुराना भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। छत टुकड़ों में गिरती रहती है। जहां बच्चों का बैठना खतरे से खाली नहीं। बच्चों ने भी कक्षा में बैठने से इंकार कर दिया है। मनीष कुमार बताते हैं कि क्लास रूम में...
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छोटे बच्चे पढ़ रहे कड़ी धूप में
कुमारखंड, मधेपुरा, निप्र : बडे़ बच्चों को सरकार ने भले ही पढ़ाई करने के लिए सुबह का समय निर्धारित कर दिया हो लेकिन छोटे बच्चों को कड़ी धूप में पढ़ने के लिए बुलाना उन्हें सजा देने के समान अभिभावकों को लग रहा है। मामला आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले तीन से वर्ष के बच्चों का है। जिन्हें केंद्रों पर पढ़ने के लिए पूर्वाह्न नौ बजे जाना पड़ता है। इस दौरान बच्चा...
More »किशोर आबादी के कुछ अनजाने तथ्य - यूनिसेफ की नई रिपोर्ट
दुनिया में किशोर उम्र के लोगों की तादाद 1 अरब 20 लाख है लेकिन आबादी के इतने बड़े हिस्से के रोजमर्रा की जिन्दगी के बारे में- उसके आस-निरास, आशा-आकांक्षा और उसके सामने खड़ी बाधाओं के बारे में हमारी जानकारी कितनी है ? यूनिसेफ की नई रिपोर्ट प्रोग्रेस फॉर चिल्ड्रेन- अ रिपोर्टकार्ड ऑन एडोलेसेंट का निष्कर्ष है- “ बहुत कम ।” मिसाल के लिए भारत के बारे में ही सोचें। विज्ञापनों की...
More »एक बालिका वधू की दास्तान- जाहिद खान
हमारे देश में हर साल अक्षय तृतीया यानी तीज के दिन हजारों नाबालिग लड़कियां शादी के मंडप में पहुंचा दी जाती हैं। इन लड़कियों के मां-बाप उनकी मर्जी को जाने बिना उन्हें जबरन शादी के बंधन में बांध देते हैं। कई मामलों में इसकी सजा ये लड़कियां पूरी उम्र भुगतने को बाध्य होती हैं। बाल विवाह न केवल उनकी जिंदगी के लिए अभिशाप बन जाता है, बल्कि हमारे समाज के...
More »गुजर गए चार माह पुस्तकें नदारद, कैसे हो पढ़ाई
बेतिया, हसं : माह अप्रैल शुरू होते ही विद्यालयों का नया सत्र आरंभ हो गया है। विद्यालयों की विभिन्न कक्षाओं में नामांकन की आपाधापी मची है। स्कूलों में चहल-पहल बढ़ गयी है। निचली कक्षा के छात्र अगली कक्षाओं में प्रवेश प्रा चुके हैं। पढ़ाई भी आरंभ है, लेकिन छात्रों के बैग पुस्तकों से खाली है, फिर पढ़ाई हो कैसे? हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी छात्रों को पुस्तकें नहीं, लेकिन सच तो...
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