गरीबों को तत्काल राहत देने के लिए मंत्रियों के स्वविवेकानुदान की राशि उनके बंगलों और स्टाफ के रिश्तेदारों में बंट रही हैं। इसकी शिकायतों को अधिकारी रफा-दफा कर रहे हैं। मामला लोकायुक्त तक पहुंच गया है। कार्मिक विभाग से इस शिकायत पर जानकारी मांगी गई है। हालांकि मामला पिछली सरकार के कार्यकाल का है, लेकिन एेसी शिकायत पहली बार नहीं आई है। कार्मिक विभाग को इस राशि के बंटवारे को लेकर...
More »SEARCH RESULT
क्या ऐसे ही होगा आर्थिक विकास-- परंजय गुहाठाकुरता
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में 10 फीसदी की आर्थिक विकास दर को मुमकिन बताया है। इसके लिए उन्होंने सरकार की ओर से हो रहे आर्थिक सुधारों, नीतिगत बदलावों, बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में धन का प्रवाह बढ़ाने पर भरोसा जताया। साथ ही, अच्छे मानसून की उम्मीद भी उन्होंने जाहिर की। मगर, सवाल यह है कि क्या यह इतना आसान होगा। यह अचानक नहीं है कि वित्त मंत्री...
More »होशंगाबाद में बनेगा देश का पहला आपदा प्रबंधन पार्क
होशंगाबाद (मध्यप्रदेश)। प्राकृतिक आपदा के दौरान कई बार लोगों को समझ में नहीं आता कि इससे कैसे निपटा जाए। आपदा आने के बाद राहत और बचाव कार्य में भी जागरुकता और जानकारी की कमी के कारण कई प्रकार की दिक्कतें आती हैं। लोगों को आपदा की जानकारी देने, उन्हें जागरूक करने और बच्चों को मनोरंजन के साथ ही बचाव के प्रति सचेत करने के मकसद से होशंगाबाद होमगार्ड कार्यालय परिसर में...
More »इमरजेंसी में कई मायनों में हुई थी चूक - जस्टिस राजिंदर सच्चर
जो देश अपने हाल-फिलहाल का इतिहास याद नहीं रखते, वे एक ही तरह की दुर्घटना दोहराने का खतरा उठाते हैं। देश की दो तिहाई आबादी 35 साल से नीचे की है। यदि इनमें से किसी से आपातकाल लगाए जाने के दिन यानी 26 जून, 1975 का महत्व पूछिए तो उनके चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभरते हैं। कई बार 55 साल के लोगों से भी ऐसा जवाब नहीं मिलता, जिससे...
More »ना भूलें इमरजेंसी के सबक - गोपालकृष्ण गांधी
आज से छह दिनों में एक सालगिरह आने वाली है। चालीसवीं सालगिरह। मामूली सालगिरह नहीं है वो। बहुत अहम है। उसको जश्न से नहीं, सुकून से 'मनाया" जाएगा। सुकून से इसलिए कि वो एक मनहूस तजरिबे की सालगिरह है, एक बुरे सपने की जो कि अब बीत चुका है, हमें अपनी भयावह लपेट से मुक्त कर चुका है। वह सपना सितम के, जुल्म के इतिहास का एक हिस्सा बनकर हमें...
More »