बागबहार। सिंचाई के अभाव में प्रदेश का सबसे अधिक टमाटर उत्पादन क्षेत्र के भूमि सूखे हुए हैं। कई किसानों के टमाटर की फसल सूखकर बर्बाद हो गई और किसानों की चेहरें में मायूसी छाई है। बागबहार और पत्थलगांव क्षेत्र में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक टमाटर की पैदावार होती है, लेकिन इस साल ज्यादातर भूमि बंजर है टमाटर उत्पादक किसान ध्यान नहीं दे रहे हैं। बागबहार क्षेत्र का किसान कार्तिक केशवर...
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प्रचंड गरमी पर उबलती बहस- इला भट्ट
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व, विशेष रूप से भारत, गरीबी के मुद्दे पर एक साथ नहीं आया है, जैसा कि यह जलवायु परिवर्तन पर एक साथ आया है. ये दोनों आपस में जुड़े हुए हैं. इसलिए, मैं भारत सरकार से आग्रह करूंगी कि देश का आइएनडीसी तैयार करते समय इसका ध्यान रखे कि क्या हमारे आइएनडीसी गरीबी को कम करने की दृष्टि से कार्बन उत्सजर्न को कम करने के लिए...
More »जीएसटी : एक अहम सुधार में हो रही गड़बड़ी - जयराम रमेश
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर संबंधी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा की स्थायी समिति को सौंप दिया गया है। जीएसटी वास्तव में अप्रत्यक्ष कराधान की संरचना में बेहद अहम सुधार वाला कदम है और यह समेकित राष्ट्रीय आम बाजार की रचना में मदद करेगा। इससे उपभोक्ताओं को कम कीमत में सामान मिल सकते हैं। उद्योग और व्यापार के लिए निश्चित रूप से यह ज्यादा...
More »पांच महीने में 40% महंगा हुआ चना, राहत की उम्मीद नहीं
नई दिल्ली। बीते पांच महीनों में चने की कीमतों में 40 फीसदी की तेजी आ चुकी है। लंबे समय तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकने वाला चना अब 4,700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है। साल की शुरुआत में चने की कीमत 3,300 रुपए प्रति क्विंटल थी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादन घटने से चने की कीमतों में यह तेजी आई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगले दो...
More »एक साल में 64 फीसद बढ़े दालों के भाव
नई दिल्ली। महंगाई में नरमी के ट्रेंड के उलट नरेंद्र मोदी सरकार के पहले साल में प्रमुख मेट्रो शहरों में दालें 64 फीसद तक महंगी हुई हैं। खासतौर से घरेलू उत्पादन में कमी के चलते दालों के दाम बढ़े हैं। लगातार दूसरे वर्ष मानसून खराब रहने की भविष्यवाणी के बीच सरकार एमएमटीसी जैसी सरकारी टे्रडिंग फर्मों के जरिये दालों के आयात पर विचार कर रही है। इसका मकसद इनकी घरेलू आपूर्ति...
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