पुलिस की भर्ती में शारीरिक सौष्ठव और दम-खम एक अनिवार्य कसौटी रहती है। भर्ती के बाद प्रशिक्षण में शारीरिक चुस्ती, अपराधी की पहचान और उसकी धर-पकड़ आदि के कौशल सिखाए जाते हैं। पर इसी के साथ-साथ पुलिस के प्रशिक्षण में सामाजिक आयाम, खासकर जेंडर संवेदनशीलता को भी शामिल किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ की चांदखुरी पुलिस एकेडमी, जो राजधानी रायपुर से मुश्किल से पच्चीस किलोमीटर दूर स्थित है, पिछले दिनों गलत कारणों...
More »SEARCH RESULT
बंधक मजदूर होंगे मुक्त, सीमांध्र गई सरकारी टीम
भोपाल /पटनम, ब्यूरो। भटपल्ली के दो नाबालिगों समेत पंद्रह लोगों को सीमांध्र ले जाकर जबरिया काम कराए जाने के मामले में जिला प्रशासन ने फौरन हरकत में आते उन्हें मुक्त कराने एक टीम सीमांध्र भेज दी है। इधर स्थानीय कोतवाली ने दो महिलाओं सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इनकी गिरफ्तारी जल्द से जल्द की जाएगी। 'नईदुनिया" में इस खबर के प्रकाशन के बाद कलेक्टर डॉ अय्याज...
More »अंधविश्वास का इतना खौफ कि गांव के किसी घर में शौचालय नहीं
गुना। ध्रुव झा। जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहां पक्का मकान तो दूर घरों में शौचालय तक नहीं हैं। यहां के कई जमीदार परिवार लखपति हैं। घरों में चार पहिया वाहन, एलईडी, फ्रिज, कूलर और बाइक हैं, लेकिन गांव के लोग संपन्न् होने के बाद भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। इसकी वजह भी बड़ी अजीबोगरीब है। दरअसल, यहां के लोग अंधविश्वास की वजह से घरों...
More »रेप से नहीं बच सकती, इसलिए बच्चेदानी निकलवाने को मजबूर हैं महिलाएं
मुंबई। महाराष्ट्र में गन्ने की कटाई के लिए जाने वाली गरीव महिलाएं हर साल बलात्कार का दंश झेलती हैं। खेतों के मालिक, बिचौलिए और दबंग तक सभी उनको अपनी हवस का शिकार बनाते हैं। परिवार कर्ज के बोझ तले दबे हैं ऐसे में महिलाएं शोषण के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाती हैं। वे हर साल कई-कई बार इस हैवानियत का सामना करती हैं। इस कुचक्र को तोड़ पाने में असफल घर...
More »एंथ्रोपोसीन मतलब मानव युग -- बिभाष
वैज्ञानिकों के एक वर्ग का मत है कि आइस एज के बाद बारह हजार वर्षों का स्थिर जलवायु का दौर होलोसीन, जिसके दौरान मानव सभ्यताओं का विकास हुआ, अब समाप्त हो चुका है. इस दौर की समाप्ति का कारण है मानव जाति का धरती की जलवायु में जबरदस्त हस्तक्षेप. वैज्ञानिक नये दौर को एक नया नाम 'एंथ्रोपोसीन' देना चाहते हैं. द इकोनॉमिस्ट पत्रिका ने तो वर्ष 2011 में ही...
More »