मोंगाबे हिंदी, 15 मई उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया है कि इस दौरान भारत के मॉनसून में भी बदलाव देखा गया। भारत के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) के वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्म उत्तरी ध्रुव की स्थिति भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत ज़्यादा...
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नमी बढ़ा रही है शहरी जलवायु में गर्मी का भीषण प्रकोप : अध्ययन
डाउन टू अर्थ , 28 अप्रैल दुनिया भर में जैसे-जैसे तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा है, शहरी इलाकों में गर्मी के तनाव में वृद्धि हो रही है। शहर आमतौर पर अपने निकटवर्ती ग्रामीण इलाकों की तुलना में अधिक गर्म और शुष्क होते हैं। लेकिन ग्लोबल साउथ में, एक अतिरिक्त जटिल कारण शहरी नमी की वजह से होने वाली गर्मी है। एक नए अध्ययन ने तापमान के आंकड़े और शहरी जलवायु मॉडल...
More »झारखंड के 85% कोयला श्रमिक चाहते हैं वैकल्पिक रोजगार के लिए प्रशिक्षण: रिपोर्ट
कार्बनकॉपी, 24 अप्रैल भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसके लिए कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त (फेज आउट) करने की आवश्यकता है। इस एनर्जी ट्रांजिशन का कोयला श्रमिकों की आजीविका पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह प्रभाव विशेष रूप से झारखंड जैसे राज्यों में गंभीर होगा, जहां भारत की एक चौथाई से अधिक कोयले की खानें हैं। झारखंड में ऊर्जा परिवर्तन के प्रभावों और...
More »'डिजिटल सर्विलांस' के मसले पर हिंदुस्तानी मीडिया का रुख क्या है?
टाइम्स ऑफ इंडिया और दैनिक जागरण की खबरों में दिखा सर्विलांस के प्रति समर्थन! पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ‘निजता के अधिकार’ को मौलिक अधिकारों की श्रेणी में रखा है। लेकिन, आए दिन ये खबरें आती रहती हैं कि आज सरकार की ओर से या सरकार की किसी ‘खास एजेंसी’ की ओर से राष्ट्रहित में या व्यापक जनहित में फ़लाँ व्यक्ति पर या किसी संस्था पर सर्विलांस किया गया! मीडिया...
More »जलवायु परिवर्तन और बांधों के कारण पिछले चार दशकों में तेजी से बदली नदियों की सीमा
डाउन टू अर्थ, 12 अप्रैल पृथ्वी की सतह पर सबसे अधिक बदलाव नदियों की सीमा में होता है। हाल के दशकों में इसमें बहुत भारी बदलाव देखे गए हैं। मोटे तौर पर इस बदलाव के लिए नदियों के प्राकृतिक संतुलन को लोगों द्वारा बिगाड़ने एवं जलवायु परिवर्तन को जिम्मेवार माना जा रहा है। इन बदलावों के पीछे और क्या-क्या कारण हैं? इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज...
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