सारंगपुर (प्रदीप जैन/अकरम अंसारी)। खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने की बातें केवल प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के भाषणों तक सिमटी नजर आती हैं। किसानों की वास्तविक स्थिति देखें तो हालात कुछ और ही दिखाई देते हैं। वर्तमान में खेती-किसानी लाभ का धंधा तो दूर की बात आजीविका चलाने का साधन तक नहीं बन पाई है। किसानों की प्रतिदिन आय को देखकर यह अंदाजा...
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बेदम इकाई का निजीकरण ही भला - डॉ. भरत झुनझुनवाला
आखिरकार सरकार ने एअर इंडिया के निजीकरण का निर्णय ले ही लिया। सार्वजनिक इकाइयों के निजीकरण के विरुद्ध पहला तर्क मुनाफाखोरी का दिया जा रहा है। जैसे ब्रिटिश रेल की लाइनों की कंपनियों का निजीकरण कर दिया गया। पाया गया कि रेल सेवा की गुणवत्ता में कमी आई। रेलगाड़ियों ने समय पर चलना बंद कर दिया। सुरक्षा पर खर्च में कटौती हुई, परंतु रेल का किराया नहीं घटा। दक्षिण अमेरिका...
More »LPG की तरह रेलवे में भी सब्सिडी छोड़ने के लिए 'गिव इट अप' स्कीम
नई दिल्ली। एलपीजी की तरह सरकार रेलवे टिकटों में भी "गिव इट अप सब्सिडी" स्कीम लागू करेगी। फरीदाबाद के एक यात्री के सुझाव पर रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अगले हफ्ते से इस स्कीम को लागू करने के निर्देश रेलवे बोर्ड को दिए हैं। एलपीजी की गिव इट अप स्कीम के तहत लगभग एक करोड़ उपभोक्ताओं ने सब्सिडी का त्याग किया है। रेलवे को उम्मीद है कि उसकी स्कीम को भी...
More »नरेंद्र मोदी सरकार लाएगी नई योजना, महिलाएं चलवाएंगी मिनी-बस
भारत के ग्रामीण इलाके में यातायात की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने महिला स्वयंसेवी समूहों (एसएचजी) की मदद लेने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना का शुभारम्भ किया जाएगा जिसमें महिलाओं की अहम भूमिका होगी। भारत के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि ये योजना पहले देश के 250 ब्लॉक...
More »सुस्त रेंगती भारतीय ट्रेनें -- बिभाष
पहली फरवरी को वित्त मंत्री ने स्वतंत्र भारत में पहली बार रेल बजट को मुख्य बजट में शामिल करके पेश किया. रेल को बजट के भाग-क के पांचवें चैप्टर में इंन्फ्रास्ट्रक्चर शीर्ष के अंतर्गत शामिल किया गया है. बजट के इस हिस्से की शुरुआत में उन्होंने कहा कि रेल, रोड और नदियां हमारे देश की जीवन-रेखा हैं और इस संयुक्त बजट से उन्होंने आशा जगायी कि अब रेलवे, सड़क, जल...
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