जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
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छत्तीसगढ़ में धान की 257 देशी किस्मों का अनूठा संग्रह
रायपुर(छत्तीसगढ़)। धान की ज्यादा पैदावारी की होड़ में एक ओर किसान अब उन्नत और हाइब्रिड किस्म को अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों की एक समिति ने देशी धान की किस्मों को सहेजने की अनूठी मिसाल पेश की है। ये किसान धुर नक्सल और आदिवासी अंचल कोंडागांव जिले के छोटे से गांव गोलाबण्ड के हैं, जिन्होंने धान की 257 देशी किस्मों को स्थानीय तरीके से सहेजा है। इसमें काटा मेहर,...
More »किसानों के लिए ख्याली पुलाव- भरत झुनझुनवाला
असमय बारिश तथा तूफान से संपूर्ण उत्तर भारत में खेती का भारी नुकसान हुआ है और लगभग एक हजार किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं. इन आत्महत्याओं का ठीकरा सिर्फ मौसम पर फोड़ना उचित नहीं होगा, क्योंकि ऐसी घटनाएं होती ही रहती हैं. असल समस्या है कि किसान की सहनशक्ति का हृस हो गया है. किसान का बैंक बैलेंस समाप्त हो गया है. एक फसल खराब हुई, तो वह...
More »सुस्तीपुरा की महिलाओं ने दिखाई चुस्ती और बना दी जैविक खाद
धार/सुसारी(मध्यप्रदेश)। कुक्षी तहसील के ग्राम सुस्तीपुरा की महिलाओं ने पर्यावरण हितैषी कदम उठाकर मिसाल पेश की है। स्वयं मेहनत कर केंचुआ पालन करके वे जैविक खाद तैयार कर रही हैं। शुरुआत में माना जा रहा था कि वे महज एक-दो क्विंटल खाद तैयार करने के बाद हार जाएंगी, किंतु आज इन महिलाओं ने 120 क्विंटल से ज्यादा जैविक खाद का ढेर लगा दिया है। साथ ही तैयारी ऐसी है कि...
More »मध्यप्रदेश में राजपुरा की राह पर चलेंगे 56 गांव
धार/अमझेरा(मध्यप्रदेश)। सरदारपुर विकासखंड का राजपुरा ग्राम जिले के 56 गांवों को विकास की नई राह दिखाएगा। जैविक खेती के प्रति अपने रुझान के कारण राजपुरा के लोग इन दिनों चर्चा में हैं। अब कृषि विभाग भी जैविक खेती के प्रचार-प्रसार के लिए राजपुरा को मॉडल के रूप में प्रदर्शित कर अन्य गांवों के लोगों को प्रेरित करेगा। विभाग ने इसके लिए योजना भी बना ली है। जिले के प्रत्येक विकासखंड...
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