भारत में जाति पर बहस राजनीतिक परिणामों की एक निर्धारक है। यह वर्ष 2019 के आम चुनाव सहित भारत में तमाम चुनावों की एक रोचक विशिष्टता है। यह ऐसी निर्धारक है कि मतदाताओं के बीच अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनाव अभियान में अपनी जातिगत पहचान बतानी पड़ती है। उत्तर और केंद्रीय भारत की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियों को किसी जाति या बिरादरी विशेष के लिए पहचाना जाता है।...
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अनसुनी रह जाती है जिनकी आवाज-- बद्रीनारायण
जनतंत्र में कुछ आवाजें हैं, जो ज्यादा सुनाई देती हैं। महानगर और शहर के बड़े तबके की आवाज तो जनतांत्रिक विमर्श में सुनी ही जाती है, कस्बों, राजमार्गों और मुख्य सड़कों के किनारे के गांवों की आवाज भी कई बार इसमें दर्ज हो जाती है। लेकिन जो अंतरे-कोने में पडे़ हैं, जो नदियों के किनारे के गांव हैं, जो दियारे में बसे गांव हैं, जो पहाड़ों की तलहटियों में और...
More »बढ़ सकती है किसानों की सहायता राशि, अरुण जेटली ने दिए संकेत
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को संकेत दिया कि किसानों को सालाना 6,000 रुपये के न्यूनतम सहायता राशि को भविष्य में बढ़ाया जा सकता है। जेटली ने कहा कि सरकार के संसाधन बढ़ेंगे जिससे भविष्य में किसानों को दी जाने वाली सालाना राशि को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य इस राशि के ऊपर अपनी ओर से आय समर्थन योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। अगर राज्य...
More »बजट में हो ‘भारत’ पर नजर- निशिकांत दुबे
वर्ष 2019-20 का केंद्रीय बजट एक ऐसे वक्त में पेश होने जा रहा है, जब पूरा विश्व जटिल आर्थिक परिस्थितियों का शिकार है. विश्व की बड़ी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में अपस्फीति (डीफ्लेशन) की प्रवृत्ति एक ऐसा जोखिम बनकर उभरी है, जिसके प्रभाव से आगामी कई वर्षों के लिए वैश्विक विकास के अवरुद्ध हो जाने का खतरा मंडरा रहा है. वैसे, यह एक दूसरी बात है कि कच्चे तेल तथा अधिकांश जिंसों...
More »त्रिपुरा में 98 ईसाई क्यों बन गए हैं हिन्दू?: ग्राउंड रिपोर्ट
"हम बहुत तकलीफ में जीवन गुजार रहें है. चाय बागान बंद हो गया है. पति घर पर बेकार बैठे हुए हैं. मेरी बड़ी बेटी मानसिक रोगी है. बेटी के इलाज के लिए हमारे पास एक फूटी कौड़ी तक नहीं है. लेकिन लोग केवल हमारे धर्म के बारे में ही बात करने आते हैं." 28 साल की मंगरी मुंडा धीमी आवाज़ में मुझसे ये बातें कहते हुए कुछ देर के लिए खामोश...
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