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बिजली बचाओ डॉलर कमाओ : कुलदीप सिंह सिंगोर

भोपाल। प्रदेश के 14 नगर निगमों में जल्द ही बिजली की बचत करने के लिए नया प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इससे निगमों को करीब 25 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की बचत होगी। इससे बिजली बचाने के एवज में वे विदेशों से कार्बन का व्यापार भी कर सकेंगे, जिससे उन्हें डॉलर के रूप में अतिरिक्त आमदनी भी होगी। दरअसल, क्योटो प्रोटोकॉल के तहत वर्ष 2005 में हुए समझौते के मुताबिक भारत में किसी प्रोजेक्ट...

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खेती ने भी किया वातावरण प्रदूषित

लुधियाना। बेशक वाहनों के धूएं और इंडस्ट्री को पर्यावरण प्रदूषित करने के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार ठहराया जाता हो लेकिन खेती भी प्रदूषण बढ़ाने में पीछे नहीं है। जंगलो की कटाई एवं भूमि का खेती के लिए उपयोग बीते डेढ़ दशक में पर्यावरण प्रदूषित करने का बड़ा कारण बना है। विकासशील देशों का हिस्सा इसमें ज्यादा है। कुछ ऐसी ही चीजों पर विचार किया पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) में पहुंचे वैज्ञानिकों ने।...

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बिहार में बहार-- देविंदर शर्मा

बिहार में नीतीश कुमार दोबारा सत्ता में वापसी करने में सफल रहे. इससे आम लोगों को अपनी बेहतरी के लिए उम्मीद की किरण दिख रही है. पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री महबूब उल हक ने एक बार मुझसे कहा था कि 1960 में वित्त मंत्री रहते समय वह पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर सात प्रतिशत पहुंचाने में समर्थ थे, बावजूद इसके लोगों ने उन्हें हराने के लिए मतदान...

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विफलता का दूसरा चक्र कानकुन- महेश राठी

संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों की शुरुआत जहां दुनिया भर के राजनेताओं, पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों के लिए पिघलते हुए ग्लेशियर, जलस्तर बढ़ते महासागरों, धसकते पहाड़ों, बदलते मौसम और गर्म होती धरती की चिंताओं का केंद्र थी, वहीं कोपेनहेगन और कानकुन तक पंहुचते यह चिंता विकसित दुनिया के हितों को साधने की कूटनीतिक चालों को पूरा करने के साधन स्थलों में बदल चुकी थी। अंततोगत्वा इस नीले ग्रह को बचाने...

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ग्‍लोबल वार्मिंग से चावल का उत्‍पादन घटा, भूख से मारेगी बढ़ती गर्मी

नई दिल्‍ली. धरती के बढ़ते तापमान (ग्‍लोबल वार्मिंग)के जो भी बुरे नतीजे होने वाले हैं, उनमें एक और बुरी चीज जुड़ गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते धरती के तापमान में हो रही बढ़ोतरी की वजह से एशियाई देशों में चावल की पैदावार लगातार घट रही है। एशिया चावल का प्रमुख उत्‍पादक देश है। यहां के लोगों का मुख्‍य अनाज भी चावल है। चावल की कमी के...

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