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कोविड-19 के समय में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली हल्दी 2021 में क्यों होने वाली है महंगी

-द प्रिंट, महामारी के वर्ष में हल्दी की खपत बढ़ गई क्योंकि देश भर के लोगों ने इसे कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए रामबाण माना. केंद्र सरकार ने हल्के या बिना लक्षण वाले रोगियों में कोविड रोकथाम और उपचार के लिए हल्दी वाले दूध, काढ़ा और योग जैसे आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने की सलाह दी. और, 2019-20 से 2020-21 में कच्ची हल्दी की घरेलू मांग में 300 फीसदी का उछाल देखा गया. खपत में इस...

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चीन को क्लीनचिट देने की जल्दबाजी न करें, मुंबई पॉवर ग्रिड का फेल होना भारत के लिए कड़ी चेतावनी

-द प्रिंट, केंद्रीय मंत्री राज कुमार सिंह ने पिछले साल मुंबई में व्यापक बिजली संकट उत्पन्न होने को ‘मानवीय चूक’ करार देते हुए इस आशय वाली मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि यह चीन के साइबर हमले का नतीजा था. राजकुमार सिंह की टिप्पणी महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की इस स्वीकारोक्ति के विपरीत है जिसमें राज्य साइबर सेल की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने कहा था कि यह ‘साइबर हमला’ हो...

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किसान आंदोलन: हरियाणा में पेट्रोल के बढ़ते दाम के खिलाफ प्रदर्शन, महापंचायतें जारी

-जनपथ, 88वां दिन, 20 फरवरी 2021 एक तरफ सरकार गलत फॉर्मूला जोड़ कर कम MSP देती है दूसरी तरफ दिनों दिन बढ़ती तेल की कीमतें भी इनपुट लागत बढ़ा रही है। किसानों के साथ साथ देशभर के आम नागरिकों को भी पेट्रोल, डीजल, एवं गैस की बढ़ती कीमतों से भारी नुकसान होगा। बढ़ती कीमतों के खिलाफ देशभर में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। AIKKMS ने हरियाणा के झज्जर एवं रेवाड़ी में पेट्रोल...

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मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी

-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...

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लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!

11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...

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