सन् 1991 के बाद देश में आर्थिक सुधार के नाम पर बेतहाशा उदारीकरण की जो नीति अपनायी गयी, उसे सत्ता पक्ष और प्रमुख विपक्ष ने बड़ी मजबूती से केंद्र व राज्यों में लागू किया. उदारीकरण के दुष्परिणाम आज हमारे सामने हैं. उदारीकरण की नीतियों की वजह से न सिर्फ मजदूरों को नुकसान हुआ है, बल्कि परंपरागत उद्योग और कृषि बुरी तरह से चौपट होकर रह गये हैं. आज देश एक...
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10वीं तक मिड डे मील का प्रस्ताव
वर्दमान ,बांकुड़ा : राज्य के शिक्षा मंत्री व्रात्य बसु ने कहा कि मिड डे मील योजना में 10वीं कक्षा तक के छात्रों को शामिल करने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र को दिया है. बरजोड़ा हाइस्कूल में शनिवार को आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए श्री बसु ने कहा कि जिलों में हाइस्कूलों की जांच की जायेगी व बेहतर स्कूल को जैमिनी राय पुरस्कार से नवाजा जायेगा. व्रात्य बसु...
More »विस्फोटक है श्रम कानून- अमिताभ घोष
एक एचपी बीपीओ कर्मचारी की 13 दिसंबर 2005 को कंपनी की लीज वाली कार के ड्राइवर द्वारा बलात्कार और हत्या की घटना काफी दुखद थी. कंपनी के शेयरधारकों और निदेशकों को व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए जिम्मेवार ठहराना तर्क से परे नहीं था, हां अप्रत्याशित जरूर था. दूसरी घटना में ठेकेदार या कंपनी द्वारा कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड में गड़बड़ी के कारण कंपनी के चेयरमैन का पासपोर्ट जब्त कर लिया...
More »राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)
सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...
More »असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर
खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
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