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लंपी त्वचा रोग का कहर देश के कई राज्यों पर, क्या है वजह एक्सपर्ट बता रहे हैं इलाज?

क्विंट हिन्दी, 15 सितम्बर भारत के आठ राज्यों में लंपी त्वचा रोग तेजी से मवेशियों में फैल रहा है. इसकी वजह से जुलाई से अब तक हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है. लंपी वायरस का प्रकोप देश के कई राज्यों जिनमें शामिल हैं, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा और आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है. इन राज्यों में अब...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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उत्तर भारत में लिंगानुपात में दिख रहा सुधार, दक्षिण भारत की स्थिति खराब: प्यू रिसर्च

दिप्रिंट , 24 अगस्त अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के एक अध्ययन में पाया गया है कि कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात रहे पंजाब और हरियाणा ने जन्म के समय अपने विषम लिंगानुपात को दुरुस्त करने की दिशा में एक लंबा सफर तय कर लिया है. मंगलवार को जारी ‘इंडिया’ज सेक्स रेश्यो एट बर्थ बिगिन टू नोर्मलाइज़ ‘ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों राज्यों में प्रत्येक 100...

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धान में बौनेपन की बीमारी पर केंद्रीय टीम गठित, आईएआरआई की अंतरिम रिपोर्ट में बीमारी की वजह की पहचान

रूरल वॉयस 23 अगस्त पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में धान की फसल में पौधों के  बौनेपन की अनजान बीमारी को लेकर केंद्र सरकार काफी चिंतित दिख रही है। यही वजह है कि बीमारी के बारे में सोमवार को मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लेते हुए एक आठ सदस्यीय केंद्रीय टीम गठित कर इसके ऑन स्पॉट आकलन के लिए प्रभावित राज्यों पंजाब और हरियाणा में जाने को कहा गया...

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मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!

कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...

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