-आउटलुक, “कोरोना संकट के दौर में सरकार को वाकई किसानों की फिक्र है तो वह फौरन कुछ जरूरी कदम उठाए” कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। हर व्यक्ति भविष्य को लेकर डरा हुआ है पर एक बात से पूरा देश निश्चिंत है कि हमारे पास खाने के लिए भरपूर अनाज है। दो महीने पहले ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ और अब समय गेहूं, सरसों आदि काटकर भंडारण का...
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देश की आठ हजार दाल मिले बंद है, जानिए दलहन किसान और मजदूर का हाल
-डाउन टू अर्थ, इस बार करीब 2.5 एकड़ खेत में चना दाल लगाया था। ओले और ठंड के कारण सारी फसल बर्बाद हो गई। हमें 15 क्विटल चना दाल मिलने की उम्मीद थी हालांकि महज कुल 1.5 क्विंटल चना दाल ही हमें मिल पाई है। यह सिर्फ अगली बार के लिए बीज के इस्तेमाल में लगाया जाएगा। 25 मार्च, 2020 से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आधा गेहूं भी घर पर ही...
More »लॉकडाउन की वजह से बाजार नहीं जा पा रहे किसान, खेतों में सड़ रहीं सब्जियां
-गांव कनेक्शन, बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। "अखबारों और टीवी पर और लोगों से सुनता हूं कि जब से कोरोना वायरस को लेकर देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया है तब से हरी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं, लेकिन हमारी खेतों में लगी हरी सब्जी तो बेकार हो रही है। लॉकडाउन के पहले हमें पैसे मिलते थे, अब कोई पूछने वाला नहीं है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 40 किमी...
More »फ़सल कटाई पर लॉकडाउन! किसान भूख से मरे या करोना से!
-मीडियाविजिल, महोबा के गांव पराखेरा के अच्छेलाल ने हर साल की तरह इस बार भी अपने खेत में गेहूं और मसूर की फसल बोई थी. इस बार फसल अच्छी होने से उम्मीद थी कि मुनाफा ज्यादा होगा. अब हालात ये हैं कि साल भर की जरूरत का अनाज भी मिल पाएगा, कहना मुश्किल है. वे बताते हैं कि आधे से ज्यादा फसलें बारिश की वजह से खराब हो गईं और बची-खुची...
More »कोरोना का आर्थिक संक्रमण: मौसम के सताए किसान अब मंडी में घाटा उठाकर बेच रहे फसलें
-गांव कनेक्शन, मौसम की मार के बाद देश के किसानों को अब सही कीमतों के लिए जूझना पड़ रहा है। गेहूं, सरसों, कपास और दलहनी फसलों की कीमत मंडियों में सरकार की तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से बहुत कम मिल रही है। ऐसे में भारी बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान झेल रहे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। आंध्र प्रदेश, अनंतपुर के गांव पुतलुर के किसान मुरली धर 20 मार्च...
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