भीकनगांव (खरगोन)। नईदुनिया की पहल अब ग्रामीण अंचल में भी मिशन बनने लगी है। दूरदराज क्षेत्र के एक किसान ने इसे सच साबित कर दिखाया। स्वयं ने स्वीकार किया कि उसने जो फसल बोई उसका बेहतर उत्पादन मिला। इसके बावजूद उसे एक अन्य फसल की बर्बादी का मुआवजा स्वीकृत हो गया। इस किसान ने गलत ढंग से मुआवजा हासिल करने की बजाय समाज के सामने अनियमितताओं और प्रशासनिक कारगुजारी को...
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किसानों के लिए लाएं अच्छे दिन- ज्योतिरादित्य सिधिया
हमारे देश की नींव दो लोगों के कंधे पर खड़ी है, इनमें प्रथम जवान हैं दूसरे किसान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। वर्तमान सरकार के पिछले 18 महीने के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र को बहुत ही बेरहमी से कुचला गया है। कृषि भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ है। न केवल जीडीपी में इसका 16 प्रतिशत का योगदान है, बल्कि लगभग 50...
More »दो साल का संघर्ष, खर्च 3 लाख, क्लेम मिला 3, 6 व 13 रुपए
बलबीर सिंह, ग्वालियर। सोयाबीन की खराब हुई फसल की बीमा का पैसा लेने के लिए विदिशा के किसानों ने दो साल तक संघर्ष किया। हाईकोर्ट में केस लड़ा और तीन लाख रुपए खर्च भी किए। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय कृषि बीमा निगम ने किसानों को जो राशि दी उसे देखकर वे हैरान रह गए। किसी के खाते में 3 रुपए आए तो किसी को 6, 13, 25...
More »यूपी : फसल बीमा वाले किसानों की तादाद राष्ट्रीय औसत से पांच गुना कम
सूखे की मार से बुंदेलखंड(यूपी) के बारे में आ रही भुखमरी की खबरों के बीच एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के तकरीबन सवा दो करोड़ किसानों में केवल 8 लाख किसानों ही फसल का बीमा करवा सके हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट(सीएसई) की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में फसल बीमा वाले किसानों की संख्या राष्ट्रीय औसत से तकरीबन सवा पांच गुना कम है. देश में 20 प्रतिशत...
More »सूखे से बेहाल बुंदेलखंड- भारत डोगरा
उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड, ओडिशा हो या आंध्र प्रदेश-देश के एक बड़े भाग को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे क्षेत्रों में रोजगार कार्यों के अभाव में लोगों का दुख-दर्द बढ़ रहा है। बांदा जिले में नरैनी प्रखंड के घसराऊट गांव के लोगों ने बताया कि खरीफ की फसल तबाह हो गई, फिर सूखे के कारण रबी की बुआई कम हुई। इसके बावजूद...
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